दिल्ली के नजदीक इस एयरपोर्ट से भरें उड़ान, बेहद सस्ते दामों पर मिल जाएगी फ्लाइट की टिकट

Cheaper flight tickets: ईंधन वैट में कमी के कारण नोएडा अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ानें दिल्ली के आईजीआई हवाई अड्डे से सस्ती हो सकती हैं. उत्तर प्रदेश सरकार ने दिल्ली हवाई अड्डे पर 25% वैट की तुलना में नोएडा हवाई अड्डे पर ईंधन पर केवल 1% वैट लगाने का फैसला किया है.

Written by - Nitin Arora | Last Updated : Dec 12, 2024, 06:16 PM IST
  • उड़ानें अप्रैल 2025 में शुरू होने की उम्मीद
  • परियोजना पर ₹30,000 करोड़ खर्च होने की उम्मीद
दिल्ली के नजदीक इस एयरपोर्ट से भरें उड़ान, बेहद सस्ते दामों पर मिल जाएगी फ्लाइट की टिकट

Noida Jewar airport: दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली उड़ानों को ईंधन पर 25% वैट देना पड़ता है. वैट में कमी से उड़ानों के किराए में कमी आ सकती है. ग्रेटर नोएडा के पास जेवर में एयरपोर्ट बनकर तैयार हो गया है. इंडिगो एयरलाइंस ने नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर सफलतापूर्वक ट्रायल फ्लाइट का संचालन भी किया है. इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट तक की फ्लाइट में मात्र 10 मिनट का समय लगा. अब यात्रियों के लिए खुशखबरी है कि नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से फ्लाइट दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले सस्ती हो सकती है.

ऐसा इसलिए क्योंकि नोएडा एयरपोर्ट पर ईंधन दिल्ली एयरपोर्ट के मुकाबले कम दर पर मिलेगा. एयरपोर्ट बनने से पहले एक समझौता हुआ था, जिसके तहत उत्तर प्रदेश सरकार ने ईंधन पर सिर्फ 1% वैट लगाने का फैसला किया था. इसके विपरीत, दिल्ली एयरपोर्ट से उड़ान भरने वाली फ्लाइट्स को ईंधन पर 25% वैट देना पड़ता है. वैट में कमी से फ्लाइट का किराया सस्ता होने की उम्मीद है.

कितनी सस्ती मिलेगी टिकट?
नोएडा एयरपोर्ट पर इंडिगो एयरलाइंस के सफल ट्रायल के बाद अब एविएशन कंपनियां रूट्स के लिए सर्वे कर रही हैं. सर्वे पूरा होने के बाद आवेदन जमा किए जाएंगे और टिकट की कीमतों का ऐलान किया जाएगा. वैट में कटौती से लोगों को सस्ती टिकटें मिलने की उम्मीद है. एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया है कि टिकट की कीमतों में 15-20% तक की कमी की जा सकती है. दिल्ली के नजदीक नोएडा में एयरपोर्ट बनाने का लक्ष्य राजधानी के एयरपोर्ट पर भीड़भाड़ कम करना है, यही वजह है कि टिकट की कीमतों को कम करने की योजना है. नोएडा एयरपोर्ट से उड़ानें अप्रैल 2025 में शुरू होने की उम्मीद है.

अप्रैल 2025 में पहला चरण पूरा होने पर, जेवर एयरपोर्ट की वार्षिक क्षमता 12 मिलियन यात्रियों की होगी. वर्तमान में, दिल्ली एयरपोर्ट की क्षमता 73.6 मिलियन है, मुंबई एयरपोर्ट 52.8 मिलियन यात्रियों को सर्विस देता है और बेंगलुरु एयरपोर्ट की क्षमता 37.5 मिलियन यात्रियों की है. जेवर एयरपोर्ट का कुल क्षेत्रफल 6,200 हेक्टेयर होगा और पूरे हवाई अड्डे की परियोजना पर ₹30,000 करोड़ खर्च होने की उम्मीद है.

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