नई दिल्ली: Candida Auris: दुनियाभर में एक ओर जहां कोरोना वायरस पूरी तरह थम नहीं है तो वहीं अब अमेरिका में एक नए जानलेवा इंफेक्शन की एंट्री हो चुकी है. इस इंफेक्शन का कहर देशभर में तेजी से बढ़ रहा है. माना जा रहा है कि यह फंगल इंफेक्शन कोरोना से भी ज्यादा घातक है. विशेषज्ञों की मानें तो अगर इस पर काबू नहीं पाया गया तो ये बाकी देशों में फैलकर महामारी का रूप ले सकता है.
जनवरी में आया पहला मामला
अमेरिकी वेबसाइट 'NBC News' में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक कैंडिडा ऑरिस नाम के इस संक्रमण से करीब 60 प्रतिशत लोग मौत की चपेट में आ रहे हैं. चिंता वाली बात तो यह है कि इस संक्रमण पर दवाईयों को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. वहीं अमेरिका में इसके मामले काफी तेजी से बढ़ रहे हैं. रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका इसका पहला मामला 10 जनवरी को सामने आया था. चिक्तसकों का ककहना है कि इस बीमारी के लक्षण आमतौपर पर शरीर में दिखना बेहद मुश्किल है.
अमेरिका में बढ़े मामले
'NBC News' के मुताबिक कैंडिडा ऑरिस एक तरह का रेयर फंगल इंफेक्शन है. साल 2016 के बाद से इसके मामलों में काफी बढ़ोत्तरी देखी गई है. अमेरिका के कई राज्यों में इस साल यह संक्रमण सामने आया है. इसी महीने वाशिंगटन में अब तक 4 लोग इस गंभीर इंफेक्शन की चपेट में आ चुके हैं. इस इंफेक्शन पर एंटीफंगल दवाएं का कोई असर नहीं पड़ता है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में इस इंफेक्शन का खतरा ज्यादा है. चिंता की बात तो ये है कि जो मरीज अस्पताल में भर्ती हैं और ब्रीदिंग ट्यूब, कैथेटर या फीडिंग ट्यूब का इस्तेमाल करते हैं उनमें ये ज्यादा पाया जाता है.
2009 में हुई थी पहचान
बता दें कि कैंडिडा ऑरिस इंफेक्शन की पहली बार पहचान साल 2009 में जापान में हुई थी. साल 2016 से अमेरिका में इस वायरस के की मामले देखे गए. वहीं 2020-2021 के बीच इस संक्रमण के 2,300 नए मामले देखे गए. वर्तमान में 40 से अधिक देशों में इसके मामले देखे जा रहे हैं. कैंडिडा ऑरिस इंफेक्शन का तेजी से बढ़ना दुनियाभर के स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक गंभीर चुनौती पेश कर रहा है. वक्त रहते इस बीमारी को फैलने से रोकना बेहद जरूरी है.
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