Income Tax Refund: इनकम टैक्स फाइल करने के बाद हर किसी को रिफंड का इंतजार है. वहीं, यदि आयकर विभाग ने किसी को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 245 के तहत टैक्स नोटिस भेजा है, तो उन लोगों को आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करते समय दावा किया गया आयकर रिफंड नहीं पाएगा.
यह टैक्स नोटिस व्यक्तियों को यह बताने के लिए भेजा जा रहा है कि आयकर विभाग कर रिफंड राशि (पूर्ण या आंशिक रूप से) जमा नहीं करेगा और वह इसे पिछले वर्षों से लंबित आयकर देनदारी के खिलाफ एडजस्ट कर देगा.
आयकर विभाग ने X पर अपने आधिकारिक अकाउंट के माध्यम से कहा, 'ऐसे कुछ मामले हैं जिनमें करदाताओं को रिफंड बकाया है, लेकिन उन्होंने पिछला टैक्स नहीं चुकाया है. आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 245(1), करदाता को मौजूदा मांग के विरुद्ध रिफंड को समायोजित करने से पहले एक प्रतिनिधित्व करने का अवसर प्रदान करना अनिवार्य करती है.' विभाग ने कहा है कि तदनुसार, ऐसे करदाताओं को सूचित किया जा रहा है जिनके पास पुराना बकाया है.
यदि किसी व्यक्ति को धारा 245 के तहत आयकर नोटिस मिला है, तो सूचना उनके पंजीकृत ईमेल ID और SMS के जरिए भेजी जाएगी. टैक्स नोटिस पढ़ने के लिए व्यक्ति को अपने आयकर ई-फाइलिंग खाते में लॉग इन करना होगा.
अगर रिफंड ज्यादा है तो?
यदि चालू वर्ष की टैक्स रिफंड राशि पिछले वर्ष की टैक्स देनदारी से अधिक है, तो शेष रिफंड (टैक्स देनदारी से कम टैक्स रिफंड) राशि व्यक्ति के बैंक खाते में जमा की जाएगी. यदि पिछली आयकर देनदारी चालू वर्ष में टैक्स रिफंड राशि से अधिक है, तो कर विभाग द्वारा अतिरिक्त कर देनदारी लगाई जाएगी. किसी व्यक्ति को आगे के दंड से बचने के लिए नोटिस में उल्लिखित नियत तारीख से पहले इसका भुगतान करना होगा. यदि व्यक्ति आयकर रिफंड के लिए पात्र नहीं था, तो धारा 245 कर नोटिस नहीं भेजा जाएगा.
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