नई दिल्ली Menstrual cycle: पीरियड्स को लेकर आज भी कई तरह मिथ पर लोग यकीन करते हैं. भारत में अब भी पीरियड्स को अशुद्ध माना जाता है. क्या आप जाने हैं विश्व में ऐसे कई कल्चर हैं जहां इसे फीमेल पावर माना जाता है. दुनिया में ऐसे कई धर्म है जहां महिलाओं के पीरियड्स को अलग-अलग तरीके से डिफाइन किया गया है. भारत में महिलाओं के पीरियड्स को इंद्र का श्राप माना जाता है. आज हम इस लेख में आपको मेंस्ट्रुएशन से जुड़ी माइथोलॉजिकल के बारे में बताएंगे.
हिंदु माइथोलॉजी
हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार इंद्र के श्राप की वजह से महिलाओं को पीरियड्स होते हैं. कथा के अनुसार इंद्र देव ने एक ब्राह्मण की हत्या कर दी थी. स्वर्ग पर असुरों ने विजय प्राप्त कर ली थी. उस समय इंद्र देव मदद के लिए ब्रह्मदेव के पास गए थे. ब्रह्म देव ने उन्हें ब्राह्मण के पास जाने की सलाह दी थी. उस ब्राहम्ण की पत्नी राक्षस थी. उस राक्षसी ने इंद्र की तपस्या सफल नहीं होने दी थी.
इंद्र देव ने गुस्से में ब्राह्मण और राक्षसी को मार दिया. ऐसा करने बाद इंद्र देव को एहसास हुआ कि उन्होंने एक ब्राह्मण की हत्या की है जिससे उन्हें पाप लगा है. वह काफी परेशान हुए, वह मदद के लिए ब्रह्मा जी के पास गए. उन्होंने बोला कि इंद्र को अपने पाप को कई हिस्सों में बांटना होगा. जिससे उनका पाप कम हो जाएगा. ऐसे में धरती, पेड, जल और महिला को उन्होंने पाप का भागीदार बनाया है. इस वजह से महिलाओं को पीरियड्स होने लगे. ल
ग्रीक माइथोलॉजी
ग्रीक माइथोलॉजी के मुताबिक तीन देवियां आर्टेमिस, एथेना और हेस्टिया जिम्मेदार है. तीनों देवियां शारीरिक रचना, मेंस्ट्रुएशन और शादी के लिए पूजी जाती हैं. लेकिन इसका जिम्मेदार चांद को माना जाता है. मेंस्ट्रुअल ब्लीडिंग को चांद के आकार में बदलने से जोड़ा जाता है. इसे आसान भाषा में समझने की कोशिश करते हैं. जैसे लूनर साइकल और ज्वार-भाटा होते हैं. ग्रीक माइथोलॉजी के अनुसार मेंस्ट्रुएशन के समय महिलाओं को स्पिरिचुअल और मेंटल पावर मिलती है. इस दौरान वह सबसे मजबूत मानी जाती हैं.
रोमन माइथोलॉजी
रोमन माइथोलॉजी पीरियड्स को साइंस से जोड़कर देखता है. माना जाता है कि मेंस्ट्रुएशन की वजह से महिलाओं के शरीर से ज्यादा फ्लूएड निकल जाता है. जिसकी वजह से उन्हें खास शक्तियां आ जाती है. इन शक्तियों को
जोरोस्ट्रियन माइथोलॉजी
पारसी धर्म का जन्म जोरास्ट्रियन धर्म से हुआल है. कथा के अनुसार मेंस्ट्रुएशन का संबंध दुष्ट देव अहरिमन् से है. ऐसा माना जाता है कि देव ओहर मजद ने ब्रह्मांड की सरचना की और उसके बाद ही अहरिमन् ने उस पर हमला कर दिया. इसके बाद लगभग 3 हजार साल तक उसे हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में दैत्यों ने उसे जगाने के लिए गेह से मदद मांगी. गेह ने अहरिमन् के माथे को चूमा और उसके बाद उसके अंदर से अशुद्ध खून की रचना हुई. जोरास्ट्रियन कथाओं में वह पहली महिला है जिसे पीरियड्स हुए थे.
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