लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में भी देशवासियों की सेवा में जुटे हुए हैं रेलवे कर्मचारी

लॉकडाउन के चलते लोगों को कालाबाजारी व किसी भी प्रकार से खाद्यान की दिक्कत न हो इसके लिए तमाम यातायात सेवाएं बंद होने के बाद भी भारतीय रेलवे मालगाड़ी चला रही है. ताकि लोगों को खान-पान की व जरूरत की वस्तुओं में किसी प्रकार की कोई कमी न आए.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Apr 13, 2020, 10:45 AM IST
    • 24 घंटे काम में जुटी है रेलवे
    • दूध की सप्लाई के लिए 'दूध दुरंतो स्पेशल'
    • लोगों को फ्री में खाने के पैकेट्स भी दे रही है रेलवे
लॉकडाउन की इस मुश्किल घड़ी में भी देशवासियों की सेवा में जुटे हुए हैं रेलवे कर्मचारी

नई दिल्ली: देश में कोरोना जैसी महामारी से बचाव के लिए लॉकडाउन लगाया जा चुका है. लेकिन देशवासियों को किसी भी प्रकार से खाने-पीने व जरूरत की चीजों में कमी न आए इसके लिए भारतीय रेलवे की स्पेशल सेवाएं लगातार जारी है.

खाने व मेडिसिन की लगातार कर रही है सप्लाई

लॉकडाउन के चलते अगर भारतीय रेलवे भी अपनी सेवाओं को बंद कर दें तो लोगों को कालाबाजारी का सामना करना पड़ सकता है.

इसके लिए तमाम यातायात परिवहन के बंद होने के बाद भी मालगाड़ी चलाई जा रही है. जिसमें खाने-पीने से लेकर मेडिसिन व अन्य जरूरत के सामान की सप्लाई भारत के सभी क्षेत्रों में जारी है. इसके लिए भारतीय रेलवे लगातार काम में जुटी हुई है.

करीब 2.5 लाख लीटर दूध की सप्लाई
इतना ही नहीं लोगों को दूध की कमी न हो इसके लिए 'दूध दुरंतो स्पेशल' ट्रेन आंध्र प्रदेश से चलाई जा रही है. यह ट्रेन आंध्र प्रदेश के रेनिंगुन्टा से निजामुद्दीन (दिल्ली) के तक चलाई जा रही है. ट्रेन में छह मिल्क टैंकर है जो करीब 2.5 लाख लीटर दूध का सप्लाई कर रहा है. इसके अतिरिक्त साउथ रेलवे अपनी सेवाओं को ओर अधिक बढ़ाने पर भी विचार कर रही है.

5 स्टेशनों पर रूकती हुई आती है 'दूध दुरंतो स्पेशल'
'दूध दुरंतो स्पेशल' ट्रेन के आंध्र प्रदेश से दिल्ली आने तक में 5 स्टेशनों पर रूकती हुई आती है. जिसमें गुंतकल, सिकंदराबाद, बल्लारशाह, नागपुर और झांसी शामिल है. सुपर एक्सप्रेस ट्रेन करीब सुबह 8 बजे रेनिंगुन्टा से चलती है जो शाम को 5.45 में दिल्ली पहुंचती है. 

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दूध की सप्लाई में तापमान एक बड़ी चुनौती
बता दें कि दूध का सप्लाई इतनी लंबी दुरी तक करना बहुत मुश्किल होता है. सप्लाई के लिए तापमान करीब 8 डिग्री के नीचे होना चाहिए अगर उससे ज्यादा होता है तो दूध खराब होने लग जाता है जिसे देखते हुए रेलवे को इसका तापमान 3 डिग्री तक बनाए रखना होता है.

खाने के पैकेट्स भी बांट रहे हैं रेलवेकर्मी
भारतीय रेलवे खाने-पीने व जरूरत की चीजों को लोगों तक पहुंचा ही रही है. इसके अलावा कई रेलवे स्टेशनों के बाहर प्रवासियों को व गरीब तबके के लोगों को खाने के पैकेट्स भी रेलवे स्टेशनों के बाहर वितरित कर रहे हैं. इस मुश्किल घड़ी में रेलवेकर्मी भी एक सिपाही की तरह देश व देशवासियों की सेवा में लगे हुए हैं.

 

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