Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना के तहत हाथ में आएंगे कितने रुपये, जानिए पूरा कैलकुलेशन

Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों के बीच मांग फिर से तेज हो गई है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के साथ ही सीएम सुखविंद सिंह सुक्खू ने ऐलान किया कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाएगी. इसी तरह राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर ऐलान हो चुका है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 16, 2022, 03:42 PM IST
  • कर्मचारी कर रहे ओल्ड पेंशन की मांग
  • सैलरी के मोर्चे पर होता है अंतर
Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना के तहत हाथ में आएंगे कितने रुपये, जानिए पूरा कैलकुलेशन

नई दिल्लीः Old Pension Scheme: पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारियों के बीच मांग फिर से तेज हो गई है. हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार आने के साथ ही सीएम सुखविंद सिंह सुक्खू ने ऐलान किया कि राज्य में पुरानी पेंशन योजना फिर से लागू की जाएगी. इसी तरह राजस्थान, छत्तीसगढ़, झारखंड और पंजाब में भी पुरानी पेंशन योजना को लेकर ऐलान हो चुका है.

कर्मचारी कर रहे पुरानी पेंशन की मांग
पुरानी पेंशन योजना को लेकर कर्मचारी यूनियन लगातार मांग करती आई हैं. वे पुरानी पेंशन में कर्मचारियों को मिलने वाले फायदे गिनाते हैं. कर्मचारियों का कहना है कि नई पेंशन स्कीम के तहत उन्हें कम फायदे मिलते हैं, जबकि सरकारें नई पेंशन योजना के फायदे गिनाती है.

सैलरी के मोर्चे पर होता है अंतर
ऐसे में जानिए नई पेंशन योजना और पुरानी पेंशन योजना में अंतर क्या है, जिसकी वजह इस पर इतनी बहस हो रही है. अभी एनपीएस के तहत हो रही कटौती के बाद कर्मचारियों के हाथ में आने वाली सैलरी और पुरानी पेंशन योजना लागू होने के बाद आने वाले वेतन में काफी अंतर हो जाएगा. प्रदेश सरकारें कर्मचारियों के स्लैब के हिसाब से पुरानी पेंशन में कटौती करती हैं. यह एनपीएस से अधिक हो सकती हैं.

एनपीएस के तहत होती है कटौती
दरअसल एनपीएस के तहत पेंशन फंड में कटौती की जाती है. कर्मचारी के बेसिक और महंगाई भत्ते (DA) से 10 प्रतिशत राशि इसमें डाली जाती है. सरकार एनपीएस खाते में 14 प्रतिशत के हिसाब से रकम जमा करती है. इस तरह कर्मचारी की कुल जमा राशि बेसिक और डीए मिलाकर 24 प्रतिशत हो जाती है. इसमें कर्मचारी 10 फीसदी रकम जमा करता है, जबकि नियोक्ता 14 प्रतिशत राशि जमा करता है.

इस उदाहरण से समझें
इसे आंकड़ों के हिसाब से समझें तो किसी कर्मचारी का बेसिक और डीए मिलाकर 1 लाख रुपये बनता है तो उसके खाते से एनपीएस में 10 फीसदी यानी 10 हजार रुपये की कटौती होगी और हाथ में 90 हजार रुपये सैलरी आएगी. वहीं, सरकार की ओर से कर्मचारी के बेसिक और डीए का 14 फीसदी यानी 14 हजार रुपये उसके फंड में जमा की जाएगी.

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