नई दिल्लीः कोरोना वायरस महामारी और इसके चलते किए गए लॉकडाउन के कारण शिक्षा के क्षेत्र में भी काफी नुकसान हुआ है. देशभररमें छात्रों के सामने अनिश्चितता की स्थिति है. लॉकडाउन-4 में अब धीरे-धीरे कॉलेजों से जुड़ी जरूरी गतिविधियां शुरू की जा रही हैं. लॉकडाउन में अपने प्रैक्टिकल और वाइवा एग्जाम की तारीख का इंतजार कर रहे देशभर के यूनिवर्सिटी छात्रों को अब इसकी तैयारी शुरू कर देनी चाहिए. क्योंकि UGC ने इसे कराने के दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं.
ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी
UGC की विशेष कमेटी ने देशभर के लगभग सभी कॉलेजों में वाइवा टेस्ट ऑनलाइन कराने की सिफारिश की थी, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. सिफारिश को अमल में लाते हुए अब दिल्ली विश्वविद्यालय (DU), Jnu, हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय समेत विभिन्न विश्वविद्यालयों ने ऑनलाइन परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी है.
वार्षिक परीक्षा 50 फीसदी अंकों की
UGC द्वारा गठित विशेष कमेटी के अध्यक्ष और हरियाणा केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति आरसी कुहाड़ के मुताबिक कोरोना संकट के बाद भी सामान्य दिनों में पढ़ाई का 25 प्रतिशत हिस्सा ऑनलाइन तरीके से पूरा किया जाएगा. विशेष कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि वार्षिक परीक्षा 50 फीसदी अंकों की होनी चाहिए, जबकि अन्य 50 फीसदी अंक पूर्व में आयोजित सेमेस्टर परीक्षा के प्रदर्शन पर आधारित किए जाएं. इसके अलावा अकादमिक सत्र 2020-21 में 40 फीसदी पाठ्यक्रम ऑनलाइन माध्यम से करवाएं जा सकते हैं.
'स्थिति अच्छी हुई तो जुलाई के पहले हफ्ते से शुरू करेंगे इंटरनैशनल फ्लाइट'
थीसिसि के लिए मिलेंगे 6 माह और
इसके तहत अब विश्वविद्यालयों में वाइवा और प्रैक्टिकल टेस्ट ऑनलाइन करवाने का खाका तैयार किया जा रहा है. उच्च शिक्षा को लेकर तैयार किए गए कार्यक्रम में एमफिल और पीएचडी के छात्रों को विशेष राहत प्रदान की है. एमफिल और पीएचडी करने वालों को थीसिस जमा करने के लिए तय आखिरी तारीख से 6 माह और दिए जाएंगे.
विश्वविद्यालय अनुदान आयोग से कालेजों में परीक्षा का समय घटाने की सिफारिश की गई है. यूजीसी को भेजी गई सिफारिश में कहा गया है कि परीक्षा का समय घटा कर 3 घंटे के स्थान पर 2 घंटे का कर देना चाहिए.
योगी सरकार का आदेश, सोमवार से खुलेंगे सभी सरकारी दफ्तर