क्या अब फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद ही आ जाएगी OTT platform पर?

फिल्मों को सिनेमाघरों में और  OTT Platform पर एक साथ रिलीज करने के विचार ने दुनिया को आश्चर्य में डाल दिया है, लेकिन भारत में इसके विकल्प के तौर पर एक और मॉडल तैयार हो रहा है. 

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 14, 2021, 06:28 PM IST
  • फिल्मों को सिनेमाघरों और OTT प्लेटफार्म पर एक साथ रिलीज करने पर हो रहा है विचार
  • भारत में विकल्प के तौर पर होगा एक और मॉडल तैयार
क्या अब फिल्में सिनेमाघरों में रिलीज होने के बाद ही आ जाएगी OTT platform पर?

नई दिल्ली: फिल्मों को सिनेमाघरों और OTT Platform पर एक साथ रिलीज करने पर विचार हो रहा है, लेकिन भारत अपना एक और मॉडल तयार कर रहा है. यह मॉडल सिनेमाघरों में और ओटीटी रिलीज के बीच के अंतर को कम करेंगा. 

यह खबर तब से चर्चा में आई जब जनवरी में विजय सेतुपति द्वारा अभिनीत तमिल फिल्म `मास्टर` सिनेमाघरों में रिलीज होने के कुछ दिनों बाद ही डिजिटल प्लेटफॉर्म पर आ गई. उस समय ट्रेड एक्सपर्ट गिरीश जौहर ने ट्वीट कर कहा था कि सिनेमाघरों और ओटीटी की लड़ाई हम रिलीज की समय के बीच के अंतर में कमी देख सकते हैं. 

अमेकिका में भी फिल्म वॉर्नर ब्रदर्स  रिलीज होने के साथ ही एचबीओ मैक्स पर भी रिलीज कर दी थी.भारतीय फिल्मी जगत भी कुछ इसी कोशिश में लगा है. और दक्षिणी सिनेमा ने तो पहले से ही यह समय अंतराल कम कर दिया है. एक्सपर्ट गिरीश जौहर कहते हैं कि पूरे देश में इंडस्ट्री के लिए नियम बनाने की जरूरत है.

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यहां तक कि समुथिराकानी, मणिकंदन और माथुमथी की तमिल फिल्म `ऐले` को लेकर भी मुश्किल पैदा हो गई थी जब थियेटर मालिकों को पता चला कि निर्माता इस फिल्म को थोड़े ही समय बाद ओटीटी पर रिलीज करने की योजना बना रहे हैं. आईनॉक्स लीजर लिमिटेड के चीफ प्रोग्रामिंग ऑफिसर राजेंद्र सिंह जयाला कहते हैं कि उद्योग के लिए यह बेहद असामान्य समय है. कोई भी फिल्म जो थिएटर पर रिलीज नहीं होती है, वह पूरी कमर्शियल वैल्यू चैन को काफी हद तक प्रभावित करती है.

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राजेंद्र सिंह  आगे कहते हैं कि हमें विश्वास है कि जब सभी राज्यों में पूरी क्षमता के साथ थिएटरों को संचालित करने की अनुमति मिल जाएगी तो निर्माता फिल्मों को थिएटर में रिलीज करने के पुराने तरीके पर लौट आएंगे. थिएटर और स्ट्रीमिंग प्लेटफॉर्म के सह-अस्तित्व को लेकर सारेगामा इंडिया लिमिटेड में फिल्म्स एंड इवेंट्स के वाइस प्रेसिडेंट सिद्धार्थ आनंद कुमार कहते हैं कि ओटीटी प्लेटफार्मों ने निश्चित रूप से सामग्री निर्माण के क्षेत्र में एक स्वस्थ व्यवधान पैदा किया है. कंटेंट ईकोसिस्टम में जबरदस्त विविधता है. ओटीटी प्रोजेक्ट के बजट बड़े हो रहे हैं. दर्शक में समझ तेजी से बढ़ी है.

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सिद्धार्थ आनंद कहते हैं कि दर्शक  केवल एक क्लिक करके कमजोर कहानी से बाहर निकल सकते हैं. ऐसे में उन्हें स्तर से नीचे का कंटेंट ऑफर करके खुद को ही मात देना है. बड़े बजट की फिल्मों के लिए बड़े पर्दे पर हमेशा स्कोप रहा है. दर्शकों को भी बड़ी ब्लॉकबस्टर फिल्में देखने की चाह होती है. 

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