नई दिल्ली. लगता है पाकिस्तानी इमरान को अचानक महाज्ञान प्राप्त हो गया लगता है. इस नये-ज्ञान की प्राप्ति से उसे समझ में आया है कि चीन की दोस्ती भारी पड़ सकती है पूरे पाकिस्तान पर. इस डर ने तनाव बढ़ा दिया है इमरान का और इस तनाव से खराब सी हो गई है तबियत पाकिस्तान की.
इमरानी सरकार पर विपक्ष के हमले
चीन के साथ गलबहियां कर रहे पाकिस्तान के वजीरे आजम को ये नया याराना तंग करता दिखने लगा है. पाकिस्तानी संसद में अपने ही देश के विपक्ष का लगातार निशाना बन रहे हैं इमरान खान. उनके विरोधी उनको नकारा प्रधानमंत्री के रूप में पेश कर रहे हैं. ऐसे समय में उनकी कूटनीतिक सोच भी निकम्मी साबित की जा रही है.
चीन की तरह पाकिस्तान भी दुनिया के निशाने पर
सीपीईसी चीन की महत्वाकांक्षी परियोजना 'चीन-पाक आर्थिक गलियारे' को कहा जाता है. भारत ने सीपीईसी पर सख्त ऐतराज जाहिर किया था. यही नहीं आतंकवाद के पोषक के रूप में भी पाकिस्तान दुनिया में बदनाम हो रहा है और इमरान खान हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं. भारत और म्यांमार के खिलाफ चीन भी अब आतंक का वित्तपोषण कर रहा और इसकी जानकारी दुनिया को हो गई है.
भारत के चीन पर तेवर अब और भी कड़े
पाकिस्तान को उम्मीद नहीं थी कि भारत चीन के खिलाफ बराबर से आक्रामक हो जायेगा और चीन को सोचने पर मजबूर कर देगा. अब जब चीन के पास वापस जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है, पाकिस्तान को घबराहट है कि इस दौरान चीन के भरोसे भारत के खिलाफ लगातार सीमा पर पाकिस्तानी गोलीबारी और युद्धविराम का उल्लंघन उसे भारत की तरफ से भारी पड़ सकता है.
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