ईरान की अक्ल आई ठिकाने, देखिए 6 प्रमुख संकेत

अमेरिका के साथ लगातार तनाव बढ़ाने में जुटा ईरान को अब अक्ल आने लगी है. ईरानी नेता अब सुलह-सफाई के रास्ते तलाश करने लगे हैं. इसके पीछे एक नहीं कई कारण हैं. आईए आपको बताते हैं.   

Written by - Anshuman Anand | Last Updated : Jan 14, 2020, 02:56 PM IST
    • दुनिया में तनाव का कारण बना ईरान झुकने के लिए तैयार
    • पाकिस्तान की मध्यस्थता भी स्वीकार की
    • कतर के अमीर ने भी ईरान को समझाया
    • ईरान की जनता भी है अपने नेताओं के खिलाफ
    • ईरान की सड़कों पर हो रहे हैं प्रदर्शन
    • यूक्रेन का विमान गिराए जाने के बाद बैकफुट पर ईरान
ईरान की अक्ल आई ठिकाने, देखिए 6 प्रमुख संकेत

नई दिल्ली: ईरान की हरकतों के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होने लगी है. खास तौर पर ईरान द्वारा यूक्रेन के यात्री विमान को गिरा दिए जाने के बाद ईरानी नेताओं का मनोबल टूटता हुआ दिख रहा है. जहां पहले वह अमेरिका सहित पश्चिमी देशों के खिलाफ लगातार बयानबाजी कर रहे थे. वहीं अब समझौते की राह ढूंढ़ रहे हैं. 

1. कतर के अमीर से लगाई गुहार 
क़तर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल-थानी ईरान के दौरे पर गए थे. उन्होंने ईरान के राष्ट्रपति हसन रोहानी से मुलाकात की. जिसके बाद रोहानी ने बयान दिया कि "हमने पूरे इलाके की सुरक्षा के मद्देनजर ज्यादा से ज्यादा वार्ताएं और सहयोग करने का निर्णय लिया है."
जिसके जवाब में क़तर के अमीर ने कहा कि "हम सहमत हैं कि इस संकट को खत्म करने का यही रास्ता है कि सब तनाव कम करें और बातचीत करें." कतर के अमीर की ईरान में यह पहली आधिकारिक यात्रा थी. कतर में मध्य पूर्व इलाके का सबसे बड़ा अमेरिकी सैन्य अड्डा मौजूद है और उसके ईरान से भी मजबूत रिश्ते हैं. 

2. पाकिस्तान के सामने भी झुकने को तैयार रोहानी
पाकिस्तान जो कि ईरान का हमेशा विरोधी माना जाता है, लेकिन ईरानी राष्ट्रपति इतने दबाव में हैं कि उन्होंने तनाव कम करने के लिए पाकिस्तान का सहयोग भी स्वीकार करने की फैसला किया है. ईरानी राष्ट्रपति रोहानी ने ईरान यात्रा पर आए पाकिस्तानी विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी से भी मुलाकात की. पाकिस्तान ने उनके सामने अमेरिका के सहयोगी सऊदी अरब के बीच मध्यस्थता करवाने का प्रस्ताव दिया है. जिसपर रोहानी की मौन स्वीकृति मानी जा रही है. 

3. यूक्रेन के विमान का गिराया जाना
ईरान के बैकफुट पर आने का प्रमुख कारण है यूक्रेन के विमान का गिराया जाना. ये हादसा 8 जनवरी को हुआ था. तेहरान से उड़ान भरने के बाद ही ईरान की सेना ने इसे 'ग़लती' से मार गिराया. इसमें 176 लोग सवार थे, जिसमें से 86 ईरान के नागरिक थे. ईरान सरकार ने 11 जनवरी को स्वीकार किया था कि उसी ने यूक्रेन के यात्री विमान को 'ग़लती' से मार गिराया था. ईरान ने इसे मानवीय भूल कहा. 
वजह चाहे जो भी हो, लेकिन इतनी बड़ी संख्या में मासूम यात्रियों के मारे जाने के नैतिक दबाव ने ईरानी नेतृत्व को घुटने पर ला दिया है. जिसकी वजह से अब वह सुलह समझौते की बात कर रहा है. 

4. यूक्रेन विमान हादसे के बाद दुनिया की एकजुटता
यूक्रेन के विमान के गिराए जाने और 176 लोगों मौत के बाद ईरान के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होने लगी है और ईरान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई  पर विचार किया जा रहा  है. हादसे में ईरान के अलावा अन्य 5 और भी देशों के यात्रियों की मौत हो गई थी.  इन सभी 5 देशों ने गुरुवार को लंदन में मीटिंग करने का फैसला लिया है और इस दौरान ईरान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने पर विचार हो सकता है. 
 यूक्रेन के विदेश मंत्री वाडिम प्रिस्तायको ने ये जानकारी दी है. 

प्रिस्तायको ने कहा कि ईरान की ओर से यह कहना मूर्खतापूर्ण है कि कि यूक्रेन इंटरनैशनल एयरलाइंस का विमान उसके मिलिट्री बेस के पास गुजर रहा था. उन्होंने कहा कि ईरान ने यूक्रेन को विमान का ब्लैक बॉक्स सौंपने पर सहमति जताई है. किसी भी विमान हादसे की जांच के लिए ब्लैक बॉक्स को महत्वपूर्ण माना जाता है. 

5. ईरानी जनता का विरोध 
यूक्रेन के विमान हादसे के बाद से ईरान की जनता भी बौखलाई हुई है. क्योंकि मारे जाने वालों में ईरान के 86 नागरिक शामिल थे. ईरान की सड़कों पर इन दिनों सरकार विरोधी नारे लग रहे हैं. जिसमें ईरान की जनता अपने सबसे बड़े नेता अयातुल्ला खामनेई के खिलाफ नारे लगा रहे हैं कि 'ये झूठ बोल रहे हैं कि हमारा दुश्मन अमेरिका नहीं है. हमारा दुश्मन देश के भीतर ही है.'

खास बात ये है कि ईरान सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरने वालों में ज्यादातर महिलाएं ही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल कई वीडियो में साफ तौर पर देखा जा रहा है कि कैसे महिलाएं तेहरान में आज़ादी स्क्वेयर पर ज़ोरदार नारे लगा रही हैं. 

शायद ईरान को अपनी जनता की नाराजगी की अंदाजा था. क्योंकि यूक्रेन विमान हादसे के बाद ईरानी प्रशासन ने इसपर पर्दा डालने की कोशिश की थी. 

ये भी पढ़ें- कैसे ईरानी जनता कर रही है अपने नेताओं का विरोध

6. अमेरिका को मिल गई है नैतिक बढ़त 
अमेरिका और ईरान के बीच तनाव इराक की जमीन पर अमेरिकी एयर स्ट्राइक में ईरानी जनरल सुलेमानी के मारे जाने के बाद से शुरु हुआ था. जिसके बाद ईरान ने अमेरिका के कई अड्डों पर मिसाइलों से हमला किया. लेकिन यूक्रेन के विमान हादसे के बाद अमेरिका को नैतिक बढ़त मिल गई है. 

खास तौर पर ईरान की जनता के सड़कों पर उतरने के बाद से अमेरिका को ईरान को दबाव में लेने का बहाना मिल गया है. 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को चेतावनी दी थी कि वे वहां मौजूद प्रदर्शनकारियों को नुकसान ना पहुंचाए और नवंबर जैसी गलती ना दोहराएं जब ईंधन के दाम बढ़ने का विरोध कर रहे लोगों के साथ हिंसा की गई थी. रविवार रात ट्रंप ने ट्वीट में लिखा: "ईरान के नेताओं - प्रदर्शनकारियों की जान मत लो."

पूरी दुनिया के अपने खिलाफ देखकर ही ईरान अपने तेवर नरम करने के लिए मजबूर होता हुआ दिखाई दे रहा है. 

 

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