नई दिल्ली. भारत अमेरिका का घनिष्ठ मित्र है और इस मैत्री को नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रम्प ने सिंचित किया है. किन्तु अब अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए इस वर्ष होने वाले चुनाव में डोनाल्ड ट्रम्प के लिए चुनौतियां बढ़ती जा रही हैं. हालांकि उनके लिए एक अच्छी खबर हाल में ये आई है कि मीडिया टाइकून ब्लूमबर्ग ने राष्ट्रपति पद की दौड़ से अपना दावा वापस ले लिया है. लेकिन ट्रम्प की चिंता बढ़ा दी अगली खबर ने जब उन्होंने सुना कि ब्लूमबर्ग ने अपना समर्थन जो बाइडेन को दे दिया है.
ब्लूमबर्ग की मजबूरी थी नाम वापस लेने की
अरबपति व्यापारी ब्लूमबर्ग अपने पैसे के दम पर अमरीका के सबसे बड़ी चुनावी दौड़ में उतर गए थे. लेकिन जब काफी पैसा पानी सा बहाने के बाद भी उनको किसी तरह के समर्थन का सहारा नहीं मिला तो निराश हो कर उन्होंने अपना नाम वापस लेने का फैसला कर लिया. उनको समोआ के अलावा कहीं से भी समर्थन की किरण नज़र नहीं आई. लेकिन मैदान छोड़ते छोड़ते उन्होंने वर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के लिए चुनौती बढ़ा दी और अपना समर्थन जो बाइडेन को दे दिया.
''देश के लिए मुझे चाहिए जीत''
अरबपति कारोबारी ब्लूमबर्ग ने मैदान छोड़ते समय जो बयान दिया वो सुर्ख़ियों में रहा. उन्होंने कहा, ' आज मैं डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए रेस से बाहर हो रहा हूँ. वजह साफ़ है कि अगर मैं दौड़ में रहा तो लक्ष्य को पाना और ज्यादा मुश्किल हो जाएगा. मेरे लिए फैसले आंकड़ों पर आधारित होते हैं और कल जो नतीजा मैंने देखा उसके बाद अब नामांकन में बने रहने का कोई मतलब नहीं है. पर मेरे लिए मेरा लक्ष्य अभी भी स्पष्ट है मुझे नवंबर में जीत चाहिए - अपने लिए नहीं, बल्कि देश के लिए. अब मैं उम्मीदवार नहीं हूँ पर अपने जीवन की सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिक लड़ाई से मैं पीछे नहीं हटूंगा''
जो बाइडेन को समर्थन
ब्लूमबर्ग न्यूयॉर्क के पूर्व मेयर रहे हैं. उन्होंने अपना नाम राष्ट्रपति पद चुनाव से वापस लेते समय ही 77 वर्षीय जो बाइडेन को अपना समर्थन देने का ऐलान कर दिया. 3 मार्च को 14 राज्यों में हुए सुपर ट्यूज्डे प्राइमरीज में डेमोक्रेटिक पार्टी की तरफ से बाइडेन को सर्वाधिक समर्थन प्राप्त हुआ है. बाइडेन ने नौ राज्यों में जीत हासिल की, जबकि सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने चार पर बढ़त बनाई और और दो पर टाई की स्थिति बनीं. ब्लूमबर्ग का मानना है कि डोनाल्ड ट्रंप को हराने के लिए बेस्ट कैंडिडेट चुनना नितांत आवश्यक है. तीन मार्च की वोटिंग से स्पष्ट हो गया है कि वह कैंडिडेट मेरा दोस्त और महान अमेरिकी जो बाइडेन ही है''
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