नई दिल्ली. कोरोना वायरस की दवा के दावों की कतारें लग गई हैं पिछले तीन महीनों में. कोरोना संक्रमण की दवा का वास्तविक इस्तेमाल मरीजों पर ही माना जायेगा. इस दृष्टि से अभी तक यह तय नहीं हो पाया है कि कौन सी दवा दुनिया के इस घातक संक्रमण का निवारण कर सकेगी.
इटली ने किया दावा कोरोना-एंटीबॉडी का
हाल ही में इटली ने इस दिशा में एक बड़ा दावा किया है और कहा है अब जल्दी ही दुनिया से कोरोना वायरस विदा होने वाला है. उम्मीद यही करनी चाहिए की इटली का यह दावा सत्य साबित हो जाए और दुनिया को कोरोना की कारगर दवा मिल जाए. ये राहत का समाचार सुनने में तो अवश्य है किन्तु वास्तविक राहत तभी मिलेगी जब अपने सारे परीक्षण में सफल होने के बाद यह दवा कोरोना के संक्रमण की रोकथाम के लिए कारगर रूप में इस्तेमाल होने लगेगी.
मानव शरीर पर परीक्षण में सफल रही है एन्टीबॉडी
कोरोना के सबसे पीड़ित देशों में एक इटली का कहना है कि उन्होंने कोरोना की एंटीबॉडी ढूंढ ली है और अब बहुत जल्द इससे बनी वैक्सीन कोरोना वायरस पर लगाम कस देगी. रोम के लजारो स्पालनजानी नैशनल इंस्टिट्यूट फॉर इन्फेक्शन डिज़ीज़ के वैज्ञानिकों ने मीडिया को बताया कि ढूंढा गया एंटी बॉडी मनुष्य से पूर्व चूहों पर उपयोग में लाया गया और दोनो ही बार इस एंटीबॉडी का परिणाम सफल रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार मानव शरीर पर किये गये परीक्षण में एंटीबॉडी ने कोशिका में मौजूद वायरस को खत्म कर दिया है.
कोरोना वैक्सीन बनाने का इज़राइल का दावा
इज़राइल को गर्व है कि विश्व की सर्वोत्तम मेधा उनके पास है. यहूदी मस्तिष्क वैसे भी संपूर्ण विश्व को जीवन के कई क्षेत्रों में अपनी सर्वोच्चता का परिचय दे चुका है. अब इजरायल का दावा है कि उन्होंने कोरोना वैक्सीन बना ली है. ये दावा इजरायल के रक्षामंत्री नैफताली बेन्नेट के माध्यम से सामने आया जिसमें उन्होंने कहा कि इजरायल इंस्टीट्यूट फॉर बायोलॉजिकल रिसर्च ने कोरोना वायरस की एंटीबॉडी विकसित करने में सफलता हासिल कर ली है और शीघ्र ही बड़ी मात्रा में इज़राइल कोरोना वैक्सीन का उत्पादन शुरू करने वाला है.
चीन और उसके मित्र रूस का भी यही दावा
चीन ने सबसे पहले कोरोना महामारी पर अपने देश में विजय पाई और उस दौरान ये दावा भी किया गया कि उन्होंने वैक्सीन विकसित कर ली है. किन्तु दुनिया को लगातार ठग रहे चीन से वैक्सीन का दुनिया को मिलना टेढ़ी खीर है. अगर वह किसी देश को वैक्सीन देगा भी तो भी नकली वैक्सीन ही देगा, जैसा कि वह कर भी रहा है कई देशों के साथ. रही बात रूस की तो हाल ही में रूस पर चीनी वायरस का भारी आक्रमण देखा गया है और एक ही दिन में दस हजार से अधिक संक्रमण के मामले सामने आये. रूस ने भी यही दावा करते हुए कहा है कि वह जून माह के अंत तक कोरोना की दवा बना लेगा.
अमेरिका ने खोजी रेमेडेसिविर दवा
अमेरिका ने दावा किया है कि उनके पास भी कोरोना का तोड़ मौजूद है. शिकागो यूनिवर्सिटी ने कोरोना की दवा खोज लेने का दावा किया था. उन्होंने बताया था कि शिकागो मेडिकल सेंटर गिलीड साइंसेज ने एक दवा तैयार की है जो कोरोना संक्रमण के रोगियों के उपचार में सफल है. रेमडेसिविर नामक यह एक एंटीवायरल न्यूक्लियोटाइड एनालॉग ड्रग है जिसके बारे में बात में समाचार आया कि ये दवा कोरोना संक्रमण के उपचार में समर्थ नहीं है.