नई दिल्ली. चीन और पाकिस्तान की नापाक दोस्ती न केवल भारत के लिये और दक्षिण एशिया की शांति के लिये खतरा है, बल्कि इनको न रोका गया तो दुनिया के अस्तित्व के लिये भी खतरा बन सकते हैं ये दो जहरीले इरादों वाले देश. लेकिन भारत और वियतनाम ने तय किया है कि ऐसा होने नही देंगे चाहे देना पड़े करारा जवाब.
दक्षिण चीन सागर में चीनी हरकतें
भारत और वियतनाम की दोस्ती के पीछे दक्षिण चीन सागर में चीन की नापाक हरकतों का बढ़ना है. वियतनाम वो देश है जो पचास साल पहले चीन को जोरदार शिकस्त दे चुका है. इधर भारत ने भी चीन के सामने लद्दाख में सीधी चुनौती दी हुई है. ऐसे में इन दोनो देशों की दोस्ती चीन का तनाव बढ़ा सकती है. जिस तरह से चीन और पाकिस्तान की दोस्ती आगे बढ़ रही है वैसे ही ये दोनो दोस्त भी अब साथ आगे बढ़ेंगे.
दक्षिण चीन सागर में चीन ने किया युद्धाभ्यास
हाल ही में चीन की नौसेना ने दक्षिण चीन सागर में युद्धाभ्यास किया है जिसमें उसने एक साथ चार समुद्री इलाकों को अपनी परिधि में लेकर यह युद्धाभ्यास किया है. यह वो वक्त है जब अमेरिका के युद्धपोत इस क्षेत्र में गश्त करते देखे जा रहे हैं. चीन की इस बदतमीजी को जवाब देने के लिये अब वियतनाम और भारत एक साथ आ रहे हैं.
वियतनाम के पास किया बमवर्षक तैनात
वियतनाम की नाराजगी की वजह दक्षिण चीन सागर में चीन द्वारा वियतनाम के बगल वाले वूडी द्वीप पर अपना घातक बमवर्षक विमान एच-6 जे को तैनात करना है. वियतनाम का मानना है कि इस बॉम्बर की तैनाती का अर्थ है वियतनाम की संप्रभुता का सीधा उल्लंघन जो इस इलाके में शांति के लिए सीधा खतरा बन रहा है. इसलिये अब वक्त है तैयार हो जाने का और भारत वियतनाम की मैत्री का एक नया अध्याय अब शुरू हो रहा है.
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