खुद के घर हैं शीशे के लेकिन भारत पर पत्थर फेंकने से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

एक कहावत है कि जिनके खुद के घर शीशे के हों वे दूसरों के घरों पर पत्थर नहीं फेंका करते. लेकिन पड़ोसी देश पाकिस्तान को लगता है इस कहावत का भी पता नहीं. तभी तो भारत के तमाम आंतरिक मसलों को वह अंतरराष्ट्रीय मंचों से बार-बार उठाने की कोशिश कर रहा है. इन मसलों पर उसे लताड़ भी लगाई जा रही है लेकिन फिर भी उसकी समझ में नहीं आ रहा.  

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Nov 14, 2019, 08:03 PM IST
    • यूनेस्को में अयोध्या का मामला उठाया
    • पहले भी कश्मीर के मामले पर दिखी थी बौखलाहट
    • इमरान सरकार गिर जाएगी इसकी परवाह नहीं
खुद के घर हैं शीशे के लेकिन भारत पर पत्थर फेंकने से बाज नहीं आ रहा पाकिस्तान

नई दिल्ली: पाकिस्तान के अंदर कब सरकार गिर जाए इसका अंदाजा उसे खुद भी नहीं. तकरीबन एक महीने से मौलाना फजूल-उर-रहमान के आजादी मार्च ने पाकिस्तानी हुकूमत के नाक में दम कर रखा है. लेकिन पाकिस्तान है कि उसे भारत के अलावा कुछ दिखता ही नहीं. पाकिस्तान भारत के आंतरिक मसलों को फिर से संयुक्त राष्ट्र में उठा कर घेरे में आ गया है. भारत ने भी इस मुद्दे पर पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए अच्छी रणनीति बनाई है. दरअसल भारत में हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या राम मंदिर विवाद का निपटारा किया. फैसले के बाद जहां देश में शांति और उत्साह का माहौल था वहीं पड़ोसी देश पाकिस्तान की बौखलाहट चरम पर पहुंच चुकी थी. सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद पाकिस्तान ने यह मामला यूनेस्को में उठाया जहां फिलहाल 40वां जनरल कॉन्फ्रेंस चल रहा है. 

यूनेस्को में अयोध्या का मामला उठाया

पेरिस में यूनेस्को का मुख्यालय है जहां यह सारा वाक्या हुआ. पहले पाकिस्तान ने अयोध्या राम मंदिर का आंतरिक मामला अंतरराष्ट्रीय मंच पर उठाया, वहीं भारत ने इस बार पाकिस्तान को खूब लताड़ा लगाई. भारत ने जवाब देते हुए कहा कि पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद से पूरी दुनिया त्रस्त है और उससे ध्यान भटका कर पाकिस्तान जो यह प्रोपागंडा चलाने की कोशिश कर रहा है. वह फिर नाकाम होगा. पाकिस्तान भारत के आंतरिक मसलों में इतनी दिलचस्पी क्यों ले रहा है बजाए कि अपनी कानून व्यव्स्था और अर्थव्यव्स्था सुधारने के. पाकिस्तान ने इससे पहले भी भारत के कश्मीर मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाया था. जबकि कश्मीर में लगातार घुसपैठ की कोशिशें भी करा रहा है. भारत समेत दुनिया के कई देश पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का दंभ झेल रहे हैं. 

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पहले भी कश्मीर के मामले पर दिखी थी बौखलाहट

पाकिस्तान ने इससे पहले भारत के कश्मीर से अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के आंतरिक मसले पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. कश्मीर को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटे जाने का दर्द पाकिस्तान को इतना हुआ कि उसने हर जगह इसका राग अलपना शुरू कर दिया. इतना ही नहीं घाटी में उग्रपंथियों का साथ देते हुए लगातार हमले करा रहा है. इसके अलावा पाकिस्तानी सेना बार-बार एलओसी पर सीजफायर का उल्लंघन भी करती रहती है. पाकिस्तान के शिक्षा और व्यवसायिक संघीय मंत्री शफकत महमूद ने यूनेस्को में कश्मीर का मसला उठाया था. उन्होंने तर्क दिया कि भारत के फैसले से कश्मीर के लोग मौलिक अधिकार से वंचित हो चुके हैं. महमूद ने कहा कि भारत को इस फैसले को वापस लेना होगा. भारत ने इसपर पाकिस्तानी मंत्री को डांट-फटकार लगाई और कहा कि घाटी में शांति बहाल खुद ब खुद हो जाएगी. बस पाकिस्तान अपनी नापाक हरकतें बंद कर दे. 

इमरान सरकार गिर जाएगी इसकी परवाह नहीं

मालूम हो कि पाकिस्तान में कमजोर अर्थव्यवस्था, भ्रष्ट केंद्र सरकार और चुनाव के दौरान धांधली के आरोपों के बीच प्रधानमंत्री इमरान खान की सत्ता को गिराने के लिए पिछले एक महीने से आंदोलन चल रहा है. इस आंदोलन को पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी के नेता मौलाना फजूल-उर-रहमान के नेतृत्व में अंजाम दिया जा रहा है. उन्होंने लाखों लोगों की भीड़ इकठ्ठा कर पाकिस्तान के सरकारी भवनों का घेराव कर लिया है और इमरान खान के तख्तापलट की मांग को जोर-जोर से उठाना शुरू कर दिया है. लेकिन पाकिस्तानी सरकार इस मसले को जल्द खत्म करने के बजाए भारत के आंतरिक मसलों में ज्यादा रूचि ले रही है. भारत ने इसकी आलोचना करते हुए पाकिस्तान को हद में रहने को आगाह किया है. 

 

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