नई दिल्ली. भारत से भूटान की मैत्री चीन जैसे बड़े और खलनायक टाइप के देश को बहुत अखरती है. लेकिन भारत से मिल रहे इस स्नेह को भूटान ने ही एक छोटा सा झटका दे दिया है. भूटान ने अब अपने देश में फ्री एंट्री बंद कर दी है और अब भारतीयों को वहां जाने पर प्रतिदिन के हिसाब से बारह सौ रुपये का शुल्क चुकाना होगा.
सबसे खुशहाल देश ने एंट्री फीस शुरू की
भूटान की संसद में पास हुए एक नए क़ानून के अंतर्गत भारत, मालदीव और बांग्लादेश के पर्यटकों को अब भूटान जाने पर प्रतिदिन के बारह सौ रुपये का भुगतान करना होगा. हालांकि दूसरे देशों की तुलना में इन तीन मित्र देशों से भूटान बहुत ही कम शुल्क लेने वाला है क्योंकि दूसरे देशों के पर्यटक यहां पर सत्रह हज़ार रुपये प्रतिदिन के हिसाब से भुगतान लेता है.
ये है सस्टेनेबल डेवेलपमेंट फीस
भूटान सरकार ने इस शुल्क का नाम रखा है एसडीएफ अर्थात सस्टेनेबल डेवलपमेंट फीस जो कि यहां की सरकार विदेशी यात्रियों पर लगाने जा रही है. यह शुल्क इस वर्ष जुलाई के महीने से लागू हो जाएगा. भूटान की नेशनल असेंबली में इस बिल को 'टूरिज्म लेवी एंड एग्जेम्पशन बिल ऑफ भूटान, 2020' के नाम से पारित किया गया. इसकी असली वजह यहां की सरकार की अपने पर्यावरण की रक्षा के प्रति गंभीर होना है. वह नहीं चाहती कि जरूरत से ज्यादा पर्यटक आकर देश के पर्यावरण के लिये समस्या बनें.
पश्चिमी भूटान का किया जाएगा विकास
एसडीएफ के माध्यम से पश्चिमी भूटान को पर्यटन हेतु विकसित किये जाने की भूटान सरकार की योजना है. आमतौर पर भारतीय पर्यटक भूटान के पश्चिमी हिस्से में घूमना-फिरना पसंद करते हैं. अब इस शुल्क के बाद से यहां की सरकार को आशा है कि पूर्वी हिस्से में पर्यटकों की आवाजाही बढ़ जायेगी क्योंकि यहां एसडीएफ चार्ज कम रखा गया है. यहां पर यह शुल्क 5 साल से बड़े बच्चों के लिये ही लगेगा जो कि 6 से 12 साल के बच्चों के लिए केवल 600 रुपये का होगा.
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