नई दिल्ली. जिनपिंग ने जो कहा था वही हो रहा है. अभी भी ये कहना कि चीन बेक़सूर है मूर्खता की हद होगी. पिछले सौ घंटे में दुनिया में कोरोना के दस लाख मामले सामने आये हैं. क्या अब से पहले किसी ने कोरोना के इस विकराल रूप की कल्पना की थी? अब वक्त आ गया है कि संयुक्त राष्ट्र संघ में चीन की कोरोना साजिश पर प्रस्ताव लाया जाए और चीन को संयुक्त राष्ट्र संघ से बाहर करके उस पर वैश्विक आर्थिक कार्रवाई की जाए.
सवा चार दिनों में दस लाख मामले
ये वास्तव में हद ही है. सौ घंटों में अर्थात पिछले सवा चार दिनों कोरोना संक्रमण के दस लाख नए मामले - ये तो बहुत डरावनी स्थिति है. इस पर तो वैश्विक अलर्ट जारी किया जाना चाहिए और अभी तक जो हुआ उसे भूल कर अब दुनिया को एक मंच पर खड़े हो कर कोरोना से लड़ाई लड़नी चाहिए. क्योंकि कोरोना वो दुश्मन है जो एक एक करके सबको अलग अलग अपना शिकार बना लेगा.
अभी तक नहीं आया ढलान पर
ये चीनी वायरस जो वैश्विक महामारी बन कर भारत समेत पूरी दुनिया में बहुत तेजी से पैर पसार रहा है, अपने इलाज की जोरदार मांग कर रहा है. फरवरी मार्च में दुनिया में शुरुआत करने वाले इस चीनी संक्रमण से अंततोगत्वा यही आशा थी कि हद से हद छह माह में ढलान पर आ जाएगा यानी कम होना शुरू हो जाएगा लेकिन अब जब आठवां महीना आने वाला है, कोरोना का रूप और भी विकराल होता जा रहा है. भारत में तो अब हर रोज संक्रमण के 30 हजार से ज्यादा नये मामले देखे जा रहे हैं.
दुनिया में हुए एक करोड़ चालीस लाख
वैश्विक समाचार एजेंसी के माध्यम से जानकारी सामने आई है कि दुनिया में भी अब कोरोना संक्रमण के कुल मामले बढ़ कर डेढ़ करोड़ होने वाले हैं. अगर यही क्रम चलता रहा तो कहां जा कर रुकेगा ये कोरोना का कोहराम?
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