इस्लामाबाद: एक नई रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि अगर देश भर में बाढ़ के बीच बाहरी स्रोतों से खाद्य आपूर्ति की व्यवस्था नहीं की गई तो आधे पाकिस्तान को अकाल का सामना करना पड़ सकता है.
बाढ़ से बड़ी मात्रा में नष्ट हुई खाद्य आपूर्ति
एक रिपोर्ट के अनुसार, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय की एजेंसियों द्वारा संकलित रिपोर्ट में कहा गया है कि बाढ़ ने पाकिस्तान की खाद्य आपूर्ति को कम से कम 70 प्रतिशत नष्ट कर दिया है, जिसका अर्थ है कि आबादी को अकाल से बचाने के लिए खाद्य सामानों का जल्द ही आयात किया जाना चाहिए.
स्थिति की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सिंध और बलूचिस्तान में सरकार की ओर से किए गए शुरुआती आकलन के मुताबिक करीब 95 फीसदी फसल बाढ़ से पूरी तरह नष्ट हो गई है.
पाकिस्तान में आसमान छू रही इन चीजों की कीमतें
इस बीच पंजाब और खैबर पख्तूनख्वा में करीब एक तिहाई फसल बाढ़ से बह गई. जिसके चलते पाकिस्तान में लगभग चार करोड़ लोगों को भोजन की कमी का सामना करना पड़ सकता है.
खाद्य एजेंसियों के अनुसार, खाद्य कमी को समाप्त करने और लोगों की जान बचाने के लिए तत्काल उपायों की आवश्यकता है.
आपदा और उपज के नष्ट हो जाने से फलों, सब्जियों और अन्य मूल खाद्य चीजों की कीमतें भी आसमान छू रही हैं.
सप्लाई चेन को बहाल करने के लिए, देश को गेहूं, दाल, मसाले और चीनी जैसे आवश्यक खाद्य पदार्थों का आयात करना होगा.
पाकिस्तान के राजकीय राजकोष पर पड़ेगा बड़ा प्रभाव
इस रिपोर्ट के अनुसार, मोटे तौर पर 7 मिलियन टन गेहूं के आयात पर राष्ट्रीय राजकोष पर लगभग 3.5 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा. जबकि, 600,000 टन चीनी, 100,000 टन मसाले और 10 लाख टन दाल और ताड़ के तेल के आयात से भी लागत बढ़ेगी.
खाद्य एजेंसियों ने सरकार से बड़े पैमाने पर मानवीय संकट से बचने के लिए आवश्यक आपूर्ति के साथ बाढ़ प्रभावित आबादी का समर्थन करने के लिए त्वरित उपाय करने को कहा है.
यह भी पढ़िए: 75 साल से भीख का कटोरा लेकर घूम रहा है पाकिस्तान, बोले शहबाज शरीफ
Zee Hindustan News App: देश-दुनिया, बॉलीवुड, बिज़नेस, ज्योतिष, धर्म-कर्म, खेल और गैजेट्स की दुनिया की सभी खबरें अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें ज़ी हिंदुस्तान न्यूज़ ऐप.