नयी दिल्ली: रूस ने बुधवार को कहा कि भारत को एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली की आपूर्ति पर पश्चिमी देशों द्वारा उस पर लगाए गए प्रतिबंधों से कोई असर नहीं पड़ेगा. रूस के मनोनीत राजदूत डेनिस अलीपोव ने मीडिया सम्मेलन में राष्ट्रीय मुद्राओं में व्यापार करने के लिए एक द्विपक्षीय तंत्र का भी उल्लेख किया. उन्होंने कहा कि एस-400 सौदे के संबंध में हम आश्वस्त कर दें कि इस पर किसी भी तरीके से असर नहीं पड़ेगा, यह 100 फीसदी आश्वासन है.
मनोनीत राजदूत डेनिस क्या बोले
अलीपोव ने कहा कि जहां तक संपूर्ण व्यापार और आर्थिक सहयोग का संबंध है, तो हम देखेंगे कि जो कठोर प्रतिबंध लगाए जा रहे हैं, उनका आखिरकार क्या असर पड़ेगा. द्विपक्षीय व्यापार पर प्रतिबंधों के असर के बारे में पूछे जाने पर अलीपोव ने कहा कि यह ‘‘भारतीय साझेदारों’’ के भागीदारी जारी रखने की तत्परता पर निर्भर करेगा.
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यह पूछे जाने पर कि क्या पश्चिमी प्रतिबंधों और यूक्रेन में संघर्ष का भारत को अहम रक्षा उपकरण की आपूर्ति करने पर असर पड़ेगा. इस पर राजदूत ने कहा कि प्रतिबंधों के असर को कम करने के लिए तंत्र बनाए गए हैं. उन्होंने कहा, ‘‘रूस हमेशा राख से उठा है. यह एक बार फिर उठेगा. इसमें कोई शक नहीं है. हमने अपनी सुरक्षा के लिए कदम उठाए हैं. हमारी अर्थव्यवस्था स्थिर है.
क्या है एस-400 मिसाइल डिफेंस प्रणाली
-एस-400 को दुनिया का बेहद प्रभावी एयर डिफेंस सिस्टम है
-मिसाइल हमले को रोकने का काम करता है
-एस-400 मोबाइल सिस्टम है यानी सड़क से लाया-ले जाया सकता है.
-पांच से 10 मिनट के भीतर इसे तैनात किया जा सकता है.
-विमान, क्रूज़ और बैलिस्टिक मिसाइलों और हाइपरसोनिक हथियारों को नष्ट करता है
-अनुमानित रेंज 150 किलोमीटर है.
-भारत और रूस के बीच से सौदा 5.43 अरब डॉलर में हुआ था
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