नई दिल्लीः विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को कहा कि भारत और चीन की सेनाओं का पूर्वी लद्दाख में पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटना सीमा पर ‘एक समस्या कम’ होने जैसा है. फ्रांस की विदेश मंत्री कैथरीन कोलोन्ना के साथ वार्ता के बाद जयशंकर ने संवाददाताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही.
'मैं समझता हूं कि पीछे हटने का काम पूरा हुआ'
जयशंकर ने पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव एक देश द्वारा बाधित करने के बारे में पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए चीन पर परोक्ष तंज किया.
इस सवाल के जवाब में विदेश मंत्री ने कहा, ‘मैं नहीं समझता कि आज मैं कुछ नया कहूंगा. इसके बजाए मैं मानता हूं कि हम (दोनों देश) पेट्रोलिंग प्वाइंट-15 से पीछे हटे. पीछे हटने का काम मैं समझता हूं कि पूरा हो गया. सीमा पर एक समस्या कम हुई.’
अस्थायी बुनियादी ढांचा भी ध्वस्त किया गया
भारत और चीन की सेनाओं ने पूर्वी लद्दाख में गोगरा-हॉटस्प्रिंग्स क्षेत्र में गश्त चौकी (पेट्रोलिंग प्वाइंट) 15 पर सैनिकों की वापसी प्रक्रिया का संयुक्त सत्यापन किया. इससे पहले सोमवार को दोनों देशों की सेनाओं ने वहां टकराव वाले बिंदु से अपने सैनिकों को वापस हटाने और अस्थायी बुनियादी ढांचे को खत्म किया था.
यह जानकारी इस घटनाक्रम के बारे में जानकारी रखने वालों ने मंगलवार को दी थी. इस प्रकार से दोनों पक्षों ने चरणबद्ध और समन्वित तरीके से सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया को पूरा किया.
SCO में हिस्सा लेने वाले हैं मोदी और चिनफिंग
दोनों देशों के इन क्षेत्र से पीछे हटने का कार्य ऐसे समय में हुआ है तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग उज्बेकिस्तान के शहर समदकंद में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाले हैं. इसके कारण ऐसी अटकलें लग रही हैं कि अगले सप्ताह होने वाले इस शिखर बैठक से इतर दोनों नेताओं की द्विपक्षीय बैठक हो सकती है.
रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलेंगे पीएम मोदी
हालांकि, भारतीय पक्ष या चीनी सरकार की ओर से आधिकारिक रूप से कुछ भी नहीं कहा गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बृहस्पतिवार को समरकंद पहुंचने और शुक्रवार देर रात स्वदेश लौटने का कार्यक्रम है. शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर मोदी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रईसी और उज्बेकिस्तान के राष्ट्रपति शौकत मिर्जियोयेव से मिलेंगे.
पाकिस्तान स्थित आतंकियों को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में नामित आतंकवादी घोषित करने से संबंधित प्रस्ताव का मार्ग ‘एक देश द्वारा बाधित’ करने के बारे में पूछे जाने पर जयशंकर ने कहा कि सूची इसलिए तैयार की जाती है, क्योंकि ये संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा हैं.
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा हैं आतंकी
उन्होंने कहा, ‘सूचीबद्ध किये जाने के संबंध में भारत और फ्रांस कई वर्षों से सहयोग कर रहे हैं. मैं समझता हूं कि आतंकियों की सूची इसलिए तैयार की जाती है, क्योंकि आतंकवादी संपूर्ण अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए खतरा हैं.’ उन्होंने कहा कि अगर कोई सूची का मार्ग बाधित करता है, खास तौर पर ऐसे मामलों में जहां गुण-दोष के आधार पर आगे बढ़ा गया हो तब वह समझते हैं कि ऐसा वे अपने हितों को जोखिम में डालकर करते हैं.
पिछले महीने चीन ने लगाया था अड़ंगा
गौरतलब है कि पिछले महीने चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पाकिस्तान स्थित जैश ए मोहम्मद संगठन के उप प्रमुख अब्दुल राऊफ अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के कदम को बाधित कर दिया था. चीन ने इस संबंध में भारत और अमेरिका के संयुक्त प्रस्ताव पर तकनीकी रोक लगा दी थी.
हिंद प्रशांत क्षेत्र में चीन के आक्रामक रुख के बारे में एक प्रश्न के उत्तर में जयशंकर ने कहा कि समान विचार वाले देशों के लिए क्षेत्र में शांति, स्थिरता, सुरक्षा और समृद्धि के लिए मिलकर काम करने की जरूरत है.
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