अफगानिस्तान में भारतीयों को कोई खतरा नहीं, कितना भरोसे लायक है तालिबान?

तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन ने बड़ा बयान देते हुए ये कहा है कि अफगानिस्तान में भारतीयों को कोई खतरा नहीं है. किसी दूतावास या राजनयिकों को निशाना नहीं बनाएंगे.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Aug 14, 2021, 11:24 AM IST
  • तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का बयान
  • 'तालिबान किसी को निशाना नहीं बनाएगा'
अफगानिस्तान में भारतीयों को कोई खतरा नहीं, कितना भरोसे लायक है तालिबान?

नई दिल्ली: अफगानिस्तान पर तालिबान की पकड़ बढ़ती जा रही है. इस बीच तालिबान के प्रवक्ता सुहैल शाहीन का बड़ा बयान अफगानिस्तान में भारतीयों को कोई खतरा नहीं है. उन्होंने ये भी साफ किया कि दूतावास या राजनयिकों को निशाना नहीं बनाएंगे.

तालिबान की तरफ से कोई खतरा नहीं

अफगानिस्तान के हालात को लेकर तालिबान सामने आया है. तालिबान ने दुनिया को भरोसा दिलाया है कि किसी भी दूतावास या राजदूत को तालिबान की तरफ से कोई खतरा नहीं हैं. किसी दूतावास को तालिबान निशाना नहीं बनाएगा. अफगानिस्तान में सभी देशों के राजदूत पूरी तरह सुरक्षित हैं.

अफगानिस्तान में तालिबान काबुल से महज 50 किमी दूर रह गया है, जिससे काबुल में अफरातफरी का माहौल बन गया है. तालिबान ने अब तक 19 प्रांतों और उनकी राजधानियों पर कब्जा किया.

कितना भरोसे लायक है तालिबान?

तालिबान का कहना है कि अफगानिस्तान में सभी दूतावास सुरक्षित हैं, तालिबान किसी को निशाना नहीं बनाएगा. मतलब ये कि तालिबान ने दुनिया के देशों को भरोसा में लेने की कोशिश की है. अब सवाल यही है कि आखिर तालिबान कितने भरोसे के लायक है.

तालिबान ने अफगानिस्तान (Afghanistan) में भारत की परियोजनाओं को सराहा है. साथ ही धमकी देते हुए उसने कहा है कि यदि सेना आई तो अच्छा नहीं होगा.

काबुल से महज 50 किमी दूर तालिबान

काबुल के आसपास के तमाम बड़े शहरों को अपने कब्जे में ले चुके तालिबान का आखिरी टारगेट है काबुल और काबुल पर नियंत्रण करने का मतलब है. अफगानिस्तान में तालिबान के राज की वापसी होगी. तालिबान के लड़ाके काबुल से बस 50 किलोमीटर दूर हैं. मतलब दो घंटे का खेल बाकी है और तालिबान के खौफ का राज फिर से अफगानिस्तान में स्थापित हो सकता है.

अफगानिस्तान के 34 में से एक दर्जन से ज्यादा प्रांतों और दो-तिहाई हिस्सों पर कब्जा जमाकर तालिबान के हौसले बुलंद हैं, तालिबान, अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी को देखना तक नहीं चाहता तो उधर, अफगान सरकार ने भी आर-पार का ऐलान कर दिया है, अफगानी राष्ट्रपति अशरफ गनी ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मसले पर एक बड़ी बैठक की और कह दिया कि तालिबान को वॉकओवर नहीं देंगे और न ही सरेंडर करेंगे.

तालिबान ने राष्ट्रपति के नाम का किया ऐलान

तालिबान ने ऐलान किया है कि मुल्ला बरादर को राष्ट्रपति बनाया जाएगा. मुल्ला महमूद याकूब उपराष्ट्रपति बनेंगे. हैबतुल्लाह अखुनजादा को प्रधानमंत्री और सिराजुद्दीन हक्कानी को वित्त मंत्री बनाया जाएगा.

जिस तरह से तालिबान का कब्जा काबुल पर भी होता दिख रहा है, उससे पूरे विश्व बिरादरी परेशान है. परेशानी इस बात की है कि तालिबान का राज फिर से आते ही अलकायदा भी जिंदा हो जाएगा और फिर दुनिया में तबाही का अलार्म बज जाएगा.

ब्रिटेन के रक्षा मंत्री बेन वैलेस ने कहा कि अफगानिस्तान में अलकायदा फिर से पनप जाएगा क्योंकि उसकी वापसी के लिए अनुकूल स्थितियां पैदा हो रही हैं. इससे हमारी सुरक्षा और हितों को खतरा पैदा होगा.

अफगानिस्तान में भूख से तड़प रहे हैं हजारों बेघर

अफगानिस्तान के ताजा हालात पर संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि अफगानिस्तान मानवीय 'तबाही' के कगार पर है. हजारों बेघर भूख से तड़प रहे हैं. ट्रम्प और अफगानिस्तान के साथ हुए समझौते को ब्रिटेन के रक्षा मंत्री ने सड़ा हुआ और अफगान सरकार को कमजोर करने वाला बताया. कहा इससे तालिबान को स्वीप करने की इजाजत मिली.

बिगड़े हालात के बीच सभी अमेरिकी नागरिकों को तुरंत प्रभाव से अफगानिस्तान छोड़ने का आदेश दिया है. सुरक्षा का हवाला देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने सर्कुलर जारी किया है.

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