नई दिल्ली. तुर्की बरसों बाद अपनी रवानी पर नज़र आ रहा है. अचानक ही तुर्की को लगा कि वह दुनिया के इस्लामिक देशों का नेता बन सकता है तो उसने तुरंत इसकी योजना भी बना डाली और उस पर काम भी शुरू कर दिया. इस दिशा में जो सबसे बड़ा और सबसे पहला काम शुरू किया है तुर्की ने वह है अपनेआप को सामरिक तौर पर बहुत मजबूत करना.
चल रही है बातचीत
तुर्की पहले ही रूस से एस-400 डिफेंस सिस्टम की खरीद कर चुका है लेकिन इतने पर भी उसे लगता है कि देश की सामरिक सुरक्षा हेतु हथियारों की और भी आवश्यकता है. इस सोच का शिकार हो कर तुर्की अब अमेरिका से पैट्रियट सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहा है. इसके लिए अमेरिका से उसकी बातचीत शुरू हो गई है लेकिन इस हथियार सौदे के साथ उसने कुछ शर्तें भी अमेरिका के सामने रख दी हैं.
रक्षामंत्री ने दिया बयान
मीडिया द्वारा अमेरिका के साथ तुर्की के नए रक्षा-समझौते पर जानकारी मांगी गई तो तुर्की रक्षा मंत्री हुलुसी अकार ने कहा है कि अभी बात खत्म नहीं हुई है. अमेरिका हमारी शर्तों पर विचार कर रहा है. अमेरिका से पैट्रियट सिस्टम खरीदने के लिए हम अपने हर विकल्प को इस्तेमाल कर सकते हैं. इन विकल्पों पर ही हमारी अपने सहयोगी देशों से बात चल रही है.
सौदे पर दी सफाई
दोनों देशों से हथियार खरीद करने की चाहत पर सवालों का जवाब देते हुए तुर्की के रक्षामंत्री का कहना है कि रूस से एस-400 खरीदने के बाद भी हम अमेरिका से पैट्रियट सिस्टम खरीदने की तैयारी कर रहे हैं. यदि एस-400 की खरीद हमारे लिए समय की जरूरत थी तो अमेरिका की पैट्रियट सिस्टम हमारी प्राथमिकता है. पर इसका मतलब ये नहीं है कि अब तुर्की का नाटो संधि से कोई लेना-देना नहीं रहा.
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