अमेरिका ने राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी करने से किया इनकार, 'चीन-पाकिस्तान देंगे जवाब'

राहुल गांधी के उस बयान पर अमेरिका ने कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया, जिसमें उन्होंने मोदी सरकार को कोसते हुए कहा था कि उनकी गलत नीतियों के चलते ही पाकिस्तान और चीन की नजदीकी बढ़ी है.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Feb 3, 2022, 12:10 PM IST
  • अमेरिका ने पाकिस्तान-चीन के पाले में डाली गेंद
  • राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर लगाया था आरोप
अमेरिका ने राहुल गांधी के बयान पर टिप्पणी करने से किया इनकार, 'चीन-पाकिस्तान देंगे जवाब'

नई दिल्ली: राहुल गांधी के उस बयान पर अमेरिका ने कुछ भी कहने से मना कर दिया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि मोदी सरकार की गलत नीतियों के चलते ही पाकिस्तान
और चीन की नजदीकियां बढ़ी हैं.

अमेरिका ने साधी चुप्पी

राहुल गांधी के इस बयान पर अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने चुप्पी साध ली और कुछ भी कहने से मना कर दिया. आपको बता दें, बुधवार तो राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा हो रही थी, इसी दौरान राहुल गांधी ने ये टिप्पणी की थी.

चीन-पाकिस्तान देंगे जवाब

जब नेड प्राइस से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो इस बयान का किसी भी सूरत से समर्थन नहीं करते हैं. इसको पाकिस्‍तान और चीन पर छोड़ते हैं. वही बताएंगे कि उनमें आपस में कैसे संबंध है. अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने इस मसले पर आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया.

आपको बता दें, राहुल गांधी ने ये भी कहा था कि मोदी सरकार न्यायपालिका, चुनाव आयोग, पेगासस के जरिए यूनियन ऑफ स्टेट्स की आवाज दबा रही है.

राहुल गांधी ने लोकसभा में ये तक कह दिया कि 'सरकार देश को किसी शहंशाह की तरह चलाने की कोशिश हो रही है. सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश को आंतरिक और बाहरी मोर्चों पर खतरे का सामना कर रहा है.'

PM Modi पर निशाना साधते हुए राहुल ने ये भी बोला कि वो खतरे से खेल रहे हैं. मेरी सलाह है कि रुक जाइये. पाकिस्‍तान और चीन को हल्‍के में मत लीजिए. आप पहले ही चीन और पाकिस्‍तान को करीब ला चुके हैं.

एस जयशंकर ने सुनाई खरी-खोटी

कांग्रेस नेता और सांसद राहुल गांधी की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने खूब खरी-खोटी सुनाई थी.

जयशंकर ने कहा, 'राहुल गांधी ने लोकसभा में आरोप लगाया कि इस सरकार के कारण पाकिस्तान और चीन एकजुट हो गए हैं. कुछ ऐतिहासिक सबक इस प्रकार हैं: 1963 में, पाकिस्तान ने अवैध रूप से शक्सगाम घाटी को चीन को सौंप दिया ; चीन ने 1970 के दशक में पीओके के रास्ते से काराकोरम राजमार्ग का निर्माण किया.'

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विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच 1970 के दशक से घनिष्ठ परमाणु सहयोग भी रहा है. उन्होंने कहा, '2013 में, चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा शुरू हुआ. तो, अपने आप से पूछें: क्या चीन और पाकिस्तान तब दूर थे?'

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