नई दिल्ली. एक दिन पहले ही स्वीडन में जो हुआ था वो अगले दिन नार्वे में हुआ. दोनों पड़ोसी स्केण्डनेवियाई देशों में कट्टरपंथियों ने हिंसा का तांडव मचाया. नार्वे में चल रही एक रैली का विरोध करते हुए शनिवार 29 अगस्त को कट्टरपंथियों ने देश की सड़कों पर अपने हिंसक किरदार का प्रदर्शन किया.
राजधानी ओस्लो में हुई हिंसा
नार्वे की राजधानी ओस्लो इस कट्टरपंथी हिंसा की आग में झुलसी. यहां चल रही एक कट्टरपंथ विरोधी रैली के दौरान ये घटना हुई. कट्टरपंथ का विरोध करने वालों का खुद कट्टरपंथियों ने ही विरोध किया. शांतिपूर्ण चल रही इस रैली में कट्टरपंथियों ने अपने स्वाभाव के मुताबिक जम कर हिंसा की. कट्टरपंथियों ने रैली में भाग ले रहे लोगों को अपना निशाना बनाया.
रैली को समाप्त करना पड़ा
यह इस्लाम विरोधी रैली शांतिपूर्वक जारी थी कि इसी दौरान सामूहिक रूप से बहुत से कट्टरपंथी वहां अचानक इकट्ठे हो गए और उन्होंने रैली में भाग ले रहे लोगों के ऊपर हमला कर दिया. स्थिति बिगड़ते देख कर अधिकारी चौकन्ने हुए और उन्होंने जल्द ही इस रैली को खत्म करने का ऐलान कर दिया.
एसआईएएन ने किया था आयोजन
एसआईएएन अर्थात 'स्टॉप इस्लामाइजेशन ऑफ नॉर्वे' ने इस रैली का आयोजन किया था जिसमे बड़ी संख्या में लोगों ने हिस्सा ले कर जता दिया कि देश का बहुसंख्यक वर्ग क्या चाहता है. राजधानी ओस्लो के संसद भवन के बाहर ये रैली आयोजित की गई थी. इस दौरान अचानक वहां आ गए कट्टरपंथियों की हिंसा को रोकने के लिए अधिकारियों को पेपर स्प्रे और आंसू गैस के गोलों का इस्तेमाल करना पड़ा.
उन्तीस लोगों को लिया हिरासत में
ओस्लो पुलिस ने हिंसक झड़प को अंजाम दे रहे लोगों में से उन्तीस कटटरपंथियों को हिरासत में लिया है जिनमें कई महिलाएं और नाबालिग बच्चे भी शामिल हैं. इसके एक दिन पहले स्वीडन के माल्मो शहर में में भी इसी तरह से कट्टरपंथी हिंसा देखने को मिली थी.
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