चीन को समदंर में सबक सिखाने के लिए क्या है भारत और अमेरिका का मास्टर'प्लान'? जानिए

भारत अपने मित्र देशों के साथ समुद्री सहयोग तो बढ़ा ही रहा है, साथ ही हिंद महासागर में चीन कोई हरकत ना कर पाए. उसके लिए खुद भी अपनी पूरी तैयारी कर चुका है. भारत ने अहम जगहों पर युद्धपोत की तैनाती कर रखी है और नौसेना ने अपनी निगरानी भी बढ़ा दी है. आपको बता दें, हिंद महासागर में चीन को जवाब देने के लिए तैयार है भारत-अमेरिका..

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Jul 20, 2020, 03:47 PM IST
    • हिन्दुस्तान और अमेरिका की ताकत से सामने चीन का निकलेगा दम
    • जानिए किस मास्टर प्लान से चीन की चालबाजी का हो जाएगा खात्मा
चीन को समदंर में सबक सिखाने के लिए क्या है भारत और अमेरिका का मास्टर'प्लान'? जानिए

नई दिल्ली: अमेरिका का सबसे बड़ा विमानवाहक युद्धपोत निमित्‍ज अंडमान-निकोबार पहुंचा है. हिंद महासागर में भारत और अमेरिका की नौसेना का दम देखकर चीन की सिट्टी पिट्टी गुम होने वाली है. विमानवाहक युद्धपोत निमित्ज 90 फाइटर जेट के साथ अंडमान पहुंचा है.

दबदबा बनाने के लिए क्यों अहम है अंडमान?

अंडमान क्यों अहम है, इसे समझना भी आपके लिए जरूरी है. तीनों सेनाओं की पहली और इकलौती थियेटर कमान है. सेना, नेवी और एयरफोर्स एक ही कमांडर के अंदर है. दुनिया के बड़े ट्रेड रुट में शामिल हैं. साथ ही बंगाल की खाड़ी, मलक्का स्ट्रेट पर नज़र रखी जा सकती है. मलक्का स्ट्रेट से हर साल 70 हज़ार जहाज गुजरते हैं. चीन का तेल सप्लाई का बड़ा हिस्सा गुजरता है. चीन पर अंडमान-निकोबार कमान से वार किया जा सकता है. तीसरा एयरबेस भी तैयार होने जा रहा है.

दरअसल मलक्का वो रुट है जो चीन के लिए सबसे ज़रूरी है. आपको बता दें ये वही रूट है, जिसके जरिए चालबाज चीन का व्यापार बड़े पैमाने पर होता है. साथ ही आपको ये भी बता देते है कि इसी रास्ते से चीन की 80 प्रतिशत ऊर्जा जरूरत पूरी हो सकती है. इसकी वजह ये है कि अरब देशों से इसी रास्ते के जरिए चीन तेल मंगाता है. भारत अगर मलक्का रूट को रोकेगा तो चीन को व्यापार के मोर्चे पर बड़ा झटका लग सकता है.

हिंद महासागर में चीन को घेरने से क्या फायदा?

भारत की नौसेना 'समुद्री पराक्रम' के लिए तैयार है. दुश्मन के विस्तारवाद को कुचलने के लिए भारत समंदर में भी होशियार है. जहां साउथ चाइना सी में अमेरिका ने चीन को घेर रखा है तो वहीं हिंद महासागर में भारत लगातार अपनी ताकत बढ़ाने में लग है. हिंद महासागर में चीन को घेरने से क्या फायदा होगा? इसे समझना भी आपके लिए ज़रूरी है.

दरअसल, चीन का बड़ा व्यापार हिंद महासागर के जरिए होता है. चीन का सामान खाड़ी और अफ्रीकी देशों में जाता है. चीन ऊर्जा जरुरतों का बड़ा आयात इस रास्ते से करता है. चीन का तेल सप्लाई का बड़ा हिस्सा गुजरता है. अगर भारतीय नौसेना इस रूट को ब्लाक करती है. चीन को तेल समेत कई चीजों की किल्लत झेलनी होगी.

हिंद महासागर में भारत की चौकसी बढ़ाने का मतलब ये है कि अगर चीन ने गलवान में हार से बौखला कर  समंदर के रास्ते किसी तरह की गुस्ताखी की कोशिश की तो  भारत उसके लिए पूरी तरह से तैयार है.

काफी वक्त से बुरी नजर से देख रहा है चीन

दक्षिण चीन सागर में चीन की हरकतें तो पूरी दुनिया देख चुकी है, हिंद महासागर को लेकर भी उसकी नियत में खोट है. हिंद महासागर में भी पिछले काफी वक्त से चीन अपनी दखल बढ़ाने की कोशिश करता रहा है.

मई के महीने में पेट्रोलिंग मिशन का बहाना बनाकर चीन ने हिंद महासागर में जंगी जहाज़ तैनात किए थे. यहां तक कि मिसाइलों से लैस युद्धपोत भी हिंद महासागर में भेजे थे. हिंद महासागर पर कब्जे के लिए चीन मालदीव में कृत्रिम द्वीप विकसित कर रहा है. यहां तक कि अफ्रीका में चीन ने अपने नेवल बेस को आधुनिक बना दिया है. समंदर पर कब्जे के लिए पाकिस्तान के ग्वादर में भी नेवल बेस बना रहा है चीन.

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गलवान में हिंदुस्तान का मस्तक है, जहां पर चीन को भारतीय सेना ने अपना पराक्रम दिखाया है. अब अगर हिंद महासागर में भी चीन किसी भी तरह की गलती की कोशिश करता है, तो भारत उसके लिए भी पूरी तरह तैयार है.

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