नई दिल्ली: पाकिस्तान के पीएम इमरान खान इस वक्त अपने देश में दो मोर्चे पर घिरे हुए हैं. इमरान खान को सत्ता से बेदखल करने के लिए पाकिस्तान के विपक्षी दलों ने हल्ला बोल दिया है. एक तरफ इमरान खान की सत्ता पर खतरा मंडरा रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इमरान खान पर आतंकवाद और टेरर फंडिंग पर कार्रवाई नहीं करने को लेकर FATF के एक्शन की तलवार भी लटक रही है.
ब्लैकलिस्ट होने से पहले जाएगी इमरान की कुर्सी
इमरान खान के लिए मुसीबत सिर्फ घर में ही नहीं है, बल्कि उनके सामने मुसीबत और भी है. अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दुनिया में आतंकवाद के लिए बदनाम पाकिस्तान के सामने अब ब्लैकलिस्ट होने का खतरा मंडरा रहा है. अगले हफ्ते 21 से 23 अक्टूबर तक फाइनेंशिय़ल एक्शन टास्क फोर्स की बैठक होने वाली है. उस बैठक से पहले ही पाकिस्तान में राजनीतिक बवाल मचा है, सवाल है कि कहीं ब्लैकलिस्ट होने से पहले ही इमरान का तख्तापलट तो नहीं हो जाएगा. लेकिन इससे पहले आपको पाकिस्तान में तख्तापलट का इतिहास से रूबरू करवाते हैं.
पाकिस्तान में तख्तापलट का इतिहास
वर्ष 1958: फिरोज खान की सरकार का तख्तापलट
साल 1958 में पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में पहला सैन्य तख्तापलट हुआ. जब पीएम फिरोज खान की सरकार को भंग किया गया. आर्मी चीफ अयूब खान ने खुद को राष्ट्रपति घोषित किया.
वर्ष 1977: जब जुल्फीकार अली भुट्टो की कुर्सी गई
1977 में भी पाकिस्तान में जो कुछ हुआ वो पूरी दुनिया के लिए हैरानी का विषय था. आर्मी चीफ जनरल जिया उल हक ने तख्तापलट किया और उस वक्त के पाकिस्तानी प्रधानमंत्री जुल्फीकार अली भुट्टो को पद से हटा दिया.
वर्ष 1999: पीएम नवाज शरीफ की सत्ता छिन गई
साल 1999 की बात है जब आर्मी चीफ परवेज मुशर्रफ ने तख्तापलट किया और तत्कालीन पीएम नवाज शरीफ को बर्खास्त कर दिया.
वर्ष 2020: क्या जाने वाली है इमरान की कुर्सी?
सवाल यही है कि क्या 2020 का साल इमरान की राजनीति के लिए काल बनकर आया है, क्या बाजवा इमरान खान का तख्तापलट करेंगे? क्योंकि FATF की बैठक से पहले पाकिस्तान में बवाल का सिलसिला जारी है?
ब्लैकलिस्ट से पहले इमरान की सत्ता से विदाई?
पूरी दुनिया जानती है कि आतंकवाद का सबसे बड़ा गढ़ पाकिस्तान है. जैश ए मोहम्मद, लश्कर ए तैयबा और हिज्बुल मुजाहिद्दीन जैसे आतंकी संगठन पाकिस्तान की सरपरस्ती में पलते और बढ़ते हैं. आतंकवादियों और टेरर फंडिंग को लेकर पाकिस्तान फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स की ग्रे लिस्ट में हैं. और बहुत जल्द वो FATF की ब्लैकलिस्ट में आ सकता है.
21-23 अक्टूबर तक FATF की महत्वपूर्ण बैठक है. जिसमें तय होगा कि पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट किया जाएगा या नहीं. इससे पहले FATF के एशिया पैसिफिक ग्रुप ने अपनी जांच में पाया है कि टेरर फंडिंग और मनी लॉन्ड्रिंग को खत्म करने के लिए दिए गए सुझावों में बहुत कम प्रगति की है. FATF की ओर से दी गई 40 सिफारिशों में से पाकिस्तान सिर्फ दो पर ही खरा उतरा.
इमरान खान अपने घर में ही घिर गए हैं. पाकिस्तान में विपक्ष ने इमरान खान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. अगले कुछ दिनों में विपक्ष का इमरान खान के खिलाफ प्रदर्शन और भी बढ़ेगा और अब तो इमरान खान का साथ देने के लिए पाकिस्तान की सेना भी नहीं आएगी. पाकिस्तान में विपक्ष का विरोध प्रदर्शन मजबूत बना रहा तो मुमकिन है कि नए साल में इमरान खान की पाकिस्तान की सत्ता से विदाई हो जाए.
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