Year Ender 2019: दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्र की 8 बड़ी घटनाएं

साल 2019 दुनिया के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला वर्ष रहा. इस साल कई आतंकी हमले और बड़े देशों के बीच तू-तू मैं-मैं देखने को मिली. इसके साथ ही कई आगजनी की घटनाओं ने जंगलों को तबाह कर दिया. इसके साथ ही दुनिया के कई देशों में चुनावी सीजन भी रहा.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : Dec 31, 2019, 06:20 AM IST
    1. 2019 दुनिया के लिए काफी उतार-चढ़ाव वाला वर्ष
    2. इस साल कई आतंकी हमले, ढाई हजार मौत
    3. बड़े देशों के बीच तू-तू मैं-मैं देखने को मिली
    4. आगजनी की घटनाओं ने जंगलों को तबाह किया
Year Ender 2019: दुनियाभर के अलग-अलग क्षेत्र की 8 बड़ी घटनाएं

नई दिल्ली: ये साल राजनीतिक बदलाव, देशों के आपसी संबंध, नई संधियां, टकराव, गुटबंदी और आतंकी घटनाओं के साथ ही पर्यावरण को लेकर भी बेहद तेज बदलाव वाला साल रहा. इस साल 2019 में दुनिया में अलग-अलग क्षेत्र की 8 बड़ी घटनाओं ने दुनिया भर में सुर्खियां बटोरीं.

1). हाउडी मोदी, ट्रंप के साथ जबरदस्त केमिस्ट्री

22 सितंबर रविवार का दिन भारत के साथ ही पूरी दुनिया के लिए एतिहासिक हो गया. जब ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ Howdy Modi कार्यक्रम में मोदी ने ट्रंप के हाथों में हाथ डालकर पूरे स्टेडियम का चक्कर लगाया, लोगों का अभिवादन स्वीकार किया. प्रोटोकॉल और औपचारिकताओं से बिल्कुल हटकर ये अलग तरह की कूटनीति थी. यहां मोदी और ट्रंप ने एक मंच से 50 हज़ार से ज्यादा भारतीय समुदाय के लोगों को संबोधित किया.

पूरी दुनिया में अरबों लोगों ने इसका सीधा प्रसारण देखा. इससे पूरी दुनिया में भारत की मजबूत छवि में जबर्दस्त इजाफा हुआ है. इसी साल भारत में प्रचंड बहुमत से लगातार दोबारा प्रधानमंत्री बने नरेन्द्र मोदी की छवि एक मजबूत वर्ल्ड लीडर के तौर पर उभरी. उन्होंने आतंकवाद के खात्मे पर और दुनिया के देशों के बीच आर्थिक सहयोग पर बेहतर माहौल बनाने का सफल संदेश दिया. और अमेरिका के मंच से पूरी दुनिया ने ट्रंप-मोदी की केमिस्ट्री देखी.

2). आतंकी हमले, ढाई हजार मौत

साल 2019 में श्रीलंका, न्यूजीलैंड समेत दुनिया में 112 बड़े आतंकी हमलों में लगभग ढाई हजार लोगों की जान चली गई. श्रीलंका में अप्रैल महीने में सीरियल बम धमाकों ने तबाही मचा दी. तीन चर्च समेत 6 अलग-अलग जगह हुए इन बम धमाकों में 200 लोगों की जान चली गई. दो चर्चों के अंदर आत्मघाती बम धमाके किए गए थे. ये हमले श्रीलंका की राजधानी कोलंबो समेत तीन शहरों में किए गए. ईस्टर पर्व के मौके पर जब ईसाई लोग चर्चों में प्रार्थना करने पहुंचे थे, उस वक्त धमाके हुए. जिसके चलते बड़ी तादाद में जान माल की हानि हुई. इस हमले के तार भारत से भी जुड़े और यहां केरल और तमिलनाडु में कई जगह छापेमारी की गई. इसके पीछे आतंकी संगठन ISIS का हाथ बताया गया. दुनिया के कई देशों में इस वारदात के सुराग ढूंढे गए और जांच अब भी जारी है

अलग अलग जगहों पर हुए धमाकों के पीछे कुल 9 हमलावर शामिल थे जिनमें एक महिला भी है. मीडिया में ये बातें आईं कि राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के आपसी झगड़े के चलते श्रीलंका में इतनी बड़ी सुरक्षा चूक हुई और इंटेलिजेंस इनपुट के बावजूद वक्त रहते ठोस कदम नहीं उठाए गए. इसका असर वहां के संसदीय चुनाव पर हुआ और तब के राष्ट्रपति-प्रधानमंत्री दोनों की कुर्सी जाती रही.

3). ट्रंप-किम, धमकी और घुड़की

28 जून को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नॉर्थ कोरिया के सुप्रीम लीडर किम जोंग उन से मुलाकात की. इसके बाद किम जोंग उन के साथ डोनाल्ड ट्रंप ने उत्तर कोरिया की सरजमीं पर कदम रखा. इसके साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ऐसे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति बन गए, जिन्होंने उत्तर कोरिया की धरती पर कदम रखा.

कुछ समय पहले अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नॉर्थ कोरिया को एटमी बम से उड़ाने की धमकी देते थे और उत्तर कोरिया अमेरिका को आंख दिखाता था. डोनाल्ड ट्रंप खुद भी किम जोंग पर कई बार हमले बोल चुके हैं और धमकी दे चुके हैं. किम जोंग उन ने भी ट्रंप की हर धमकी और हमले का मजबूती से जवाब दिया था. और ट्रंप को भी अनाप-शनाप कहा था. साल भर में कई बार उसने मिसाइल टेस्ट किए. उत्तर कोरिया का दावा रहा कि उसने "सुपर लार्ज मल्टिपल रॉकेट लांचर" का परीक्षण किया है. और धमकी दी कि वो जल्द ही असली बैलिस्टिक मिसाइल का परीक्षण करेगा. नॉर्थ कोरिया फिलहाल बैलिस्टिक मिसाइलों पर संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों का सामना कर रहा है. और रियायतों के लिए ट्रंप के साथ कई दौर की वार्ता भी की है. लेकिन, ट्रंप के साथ तीसरी बार हाथ मिलाने के बावजूद किम की उनसे दूरियां बनी हुई हैं. साल के अंत होते-होते भी किम ने ट्रंप को सरप्राइज क्रिसमस गिफ्ट की धमकी दी थी.

4). ब्रेक्जिट का जोर चला

यूरोपियन यूनियन से ब्रिटेन के अलग होने वाला ब्रेग्जिट बिल आखिरकार हाउस ऑफ कमन्स से पारित हो गया. जिस मुद्दे को लेकर यूके में राजनीतिक संग्राम छिड़ा हुआ था, जिस मुद्दे पर ब्रिटेन में हुए मध्यावधि चुनाव में कंजरवेटिव पार्टी ने 365 सीटों के साथ ऐतिहासिक विजय हासिल की. बोरिस जॉनसन फिर से प्रधानमंत्री बनें. वे तीन सालों में तीसरे पीएम हैं. भारत के प्रति झुकाव रखने वाले बोरिस की जीत और पाकिस्तान की हिमायत करने वाले लेबर पार्टी के जेरेम कार्बी की ऐतिहासिक हार ने भी दुनिया में भारत के प्रति लोगों के बढ़ते विश्वास को मजबूत किया. 

अब 31 जनवरी 2020 तक ब्रिटेन यूरोपीय यूनियन से अलग हो जाएगा. इससे पाउंड और यूरो के डिवैल्यूएशन की आशंका जताई जा रही है. जिसके कारण ब्रिटेन में बेहतर कर रही भारतीय कंपनियों को खासा नुकसान हो सकता है. यूरोपीय संघ के साथ भारत के मुक्त व्यापार समझौते का मामला खटाई में पड़ सकता है. लेकिन, साथ ही ब्रिटेन कीक निर्भरता भारत पर पहले की अपेक्षा बढ़ सकती है. भारत को इन सबके लिए तैयार रहना होगा.

बांग्लादेश में शेख हसीना ने आम चुनाव में लगातार तीसरी बार बहुमत हासिल किया, और चौथी बार प्रधानमंत्री बनीं. वहीं फिनलैंड की 34 साल की सना मरिन दुनिया की सबसे कम उम्र की प्रधानमंत्री बनीं. ऑस्ट्रेलिया के आम चुनाव में स्कॉट मोरिसन लगातार दूसरी बार प्रधानमंत्री चुने गए. तो कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो की लिबरल पार्टी आम चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी रही.

5).  सीरिया पर तुर्की का हमला

सीरिया से अमेरिकी सेनाएं क्या हटीं, तुर्की ने उसपर धड़ाधड़ बम बरसाना शुरू कर दिया. तुर्की सेना ने सीरिया के कुर्दिश लड़ाकों को निशाना बनाया. इस हमले का असर अमेरिका सहित यूरोप और पूरे  दक्षिण एशिया पर देखा गया. बशर अल असद की सरकार और उसकी सहयोगी रुसी सेना की तरफ से लगातार इदलिब और विद्रोहियों के ठिकानों को टारगेट कर हवाई हमले किए गए. जिससे 37 लाख से ज्यादा लोग अपनी जान बचाने के लिए सीरिया छोड़ तुर्की में शरण ली. दुनिया के किसी भी देश में शरणार्थियों की ये सबसे बड़ी संख्या है. भारतीय विदेश मंत्रालय को भी आगे आना पड़ा और एक बयान जारी कर कहा गया कि तुर्की, सीरिया की आजादी का खयाल करे.

6). आतंक का आका बगदादी ढेर

अमेरिकी सेना ने आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट के आका अबु बकर-अल बगदादी को मार गिराया. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने खुद इस बात की पुष्टी की. डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि बगदादी सुरंग में छुपा हुआ था जो अमेरिकी सेना के हमले में मारा गया. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि बगदादी के साथ उसके तीन बच्चे भी मारे गए. अल-कायदा सरगना ओसामा बिन लादेन के बाद से अबू बकर अल-बगदादी दुनिया का मोस्ट वॉन्टेड आतंकवादी था. 48 साल के बगदादी ने धर्म के नाम पर हजारों नागरिकों की हत्या करवाई. क्रूर सजाओं के जरिए आतंकी संगठन आईएस ने क्षेत्र में अपना शासन लागू किया. उसे बर्बरता के लिए जाना गया.

7). दुनिया का फेफड़ा मुश्किल में

जंगल की आग 2019 में पूरे साल खबरों में रही. ये जंगल कभी अमेजन के थे तो कभी ऑस्ट्रेलिया के थे. इस साल लगी आग ने करोड़ों हेक्टेयर जंगल साफ कर दिए और कई जीवों की जान ले ली. दुनिया का फेंफड़ा कहे जाने वाले ब्राजील में अमेजन में ही आग नहीं लगी, बल्कि दक्षिणी ब्राजील के केराडो सवाना में भी आग की कई घटनाएं सामने आईं. केराडो दुनिया के सबसे जैव विविधता वाले और खतरे में पड़े इलाकों में से है. इस जंगल का लगभग आधा इलाका खत्म हो चुका है. इसी तरह अकेले बोलीविया में ही 12 लाख हेक्टेयर जंगल साफ हो गए. 

इतना ही नहीं अमेरिका के कैलीफॉर्निया के जंगलों में भी भयंकर आग लगी. पुरानी इमारत से निकली चिंगारी फैल गई कई घर स्वाहा हुए. लोगों की जान भी गई. ऑस्ट्रेलिया में सूखे, बढ़े तापमान और गर्म हवाओं की वजह से लाखों हेक्टेयर जंगल जल गए. इन सबसे निकले करोड़ों टन कार्बन डायक्साइड ने कुदरती हवा को जहरीला बना दिया. सिडनी तो धुएं के गुबार में गुम सा हो गया. पर्यावरण और इकोलॉजी पर पड़े बुरे असर पर दुनिया भर में चिंता दिखी.

8). धरती की चिंता में 16 साल की लड़की

दुनिया के मानचित्र पर एक 16 साल की लड़की ने इस साल 2019 में अपनी भरोसेमंद ग्लोबल पहचान बनाई. स्वीडेन के रहने वाली ग्रेटा थनबर्ग ने पर्यावरण को लेकर अपने देश की संसद के बाहर प्रदर्शन किया, और साल भर के अंदर ही वो धरती के सबसे बड़े मुद्दे पर सबसे बड़ी आवाज बनकर उभरीं. सितंबर में थनबर्ग 15 दिन की साहसिक समुद्री यात्रा कर यूएन में होने वाले क्लाइमेट चेंज समिट में भाग लेने न्यूयॉर्क पहुंची थीं. जलवायु जागरूकता मिशन के लिए उन्होंने दुनियाभर में युवाओं के आंदोलन का नेतृत्व किया. स्वीडन की ग्रेटा थनबर्ग टाइम पर्सन ऑफ द इयर चुनी गईं.

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