यूक्रेन में दवाओं की किल्लत पर जेलेंस्की ने जताई चिंता, रूस को खूब कोसा

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बड़ा दावा करते हुए कहा है कि रूस के कब्जे वाले इलाकों में दवाओं की भारी कमी है. आपको बता दें, रूस की वायु सेना ने यूक्रेन के 45 सैन्य ठिकानों को तबाह किया.

Written by - Zee Hindustan Web Team | Last Updated : May 6, 2022, 09:30 AM IST
  • जेलेंस्की ने यूक्रेन के हालात पर जताई गहरी चिंता
  • दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी
यूक्रेन में दवाओं की किल्लत पर जेलेंस्की ने जताई चिंता, रूस को खूब कोसा

नई दिल्ली: यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने बृहस्पतिवार रात राष्ट्र के नाम दिए अपने वीडियो संबोधन में देश के उन हिस्सों में दवाओं और चिकित्सा सुविधाओं की भारी कमी का जिक्र किया, जो रूस के नियंत्रण में हैं. जेलेंस्की ने कहा कि उन इलाकों में कैंसर से जूझ रहे मरीजों के लिए इलाज की सुविधा लगभग पूरी तरह से नदारद है, जबकि मधुमेह के मरीजों के लिए ‘इंसुलिन’ या तो उपलब्ध नहीं है या फिर उसे हासिल करना बेहद मुश्किल है.

अब तक 2,014 मिसाइलें दाग चुकी है रूसी सेना

उन्होंने ‘एंटीबायोटिक्स’ की आपूर्ति में भी भारी कमी का दावा किया. जेलेंस्की ने बताया कि युद्ध के दौरान रूसी सेना यूक्रेन पर अब तक 2,014 मिसाइलें दाग चुकी है, जबकि यूक्रेनी हवाई क्षेत्र में रूसी लड़ाकू विमानों के उड़ान भरने की 2,682 घटनाएं दर्ज की जा चुकी हैं. यूक्रेनी राष्ट्रपति ने दावा किया कि देश में अस्पतालों और अन्य चिकित्सा केन्द्रों सहित लगभग 400 ढांचे या तो नष्ट हो चुके हैं या फिर उन्हें भारी नुकसान पहुंचा है.

मारियुपोल में इस्पात संयत्र में खूनी जंग तेज

मारियुपोल में बृहस्पतिवार को खूनी जंग और तेज हो गई, क्योंकि रूस जल्दी ही शहर में मौजूद अंतिम यूक्रेनी मोर्चे को जीतकर देश के रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण बंदरगाह पर कब्जा करना चाहता है. मारियुपोल में जंग तेज होने की वजह के पीछे संदेह जताया जा रहा है कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन सोमवार को ‘विक्ट्री डे’ (विजय दिवस) पर युद्ध में बड़ी सफलता या युद्ध को और तेज करने की घोषणा देशवासियों के सामने करना चाहते हैं.

गौरतलब है कि सोमवार, नौ मई को मनाया जाने वाला विजय दिवस रूसी कैलेंडर में राष्ट्रभक्ति से जुड़ा सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण सार्वजनिक अवकाश है, इसी दिन सोवियत संघ ने नाजी जर्मनी पर जीत हासिल की थी. रूस के ताजा अनुमान के मुताबिक, करीब 2,000 यूक्रेनी लड़ाके मारियुपोल के एजोवस्टाल इस्पात संयंत्र के नीचे बनी सुरंगों और बंकरों की सुरक्षा कर रहे हैं और इनकी हार के साथ ही शहर यूक्रेन के हाथ से निकल जाएगा.

हमलों का जवाब देने की कोशिश कर रहा यूक्रेन

पिछले दो महीनों में यह शहर लगभग मलबे में तब्दील हो चुका है. ऐसा माना जा रहा है कि इन सुरंगों और बंकरों में सैकड़ों असैन्य नागरिक भी फंसे हुए हैं. यूक्रेन के एजोव रेजिमेंट के डिप्टी कमांडर कैप्टन स्वीतोस्लाव पलमार इस्पात संयंत्र के भीतर रूसी सेना का मुकाबला कर रहे हैं. उन्होंने यूक्रेन के ‘चैनल 24’ को बताया कि रूस की सेना तीसरे दिन संयंत्र के भीतर प्रवेश कर गई है और उसे करारा जवाब दिया जा रहा है. पलमार ने कहा, ‘भीषण संघर्ष जारी है.’

यूक्रेन के आंतरिक मामलों के मंत्रालय के सलाहकार एंटोन गेराश्सेंको ने बताया कि रूसी सैनिक संयंत्र के नक्शे से वाकिफ एक इलेक्ट्रिशियन की मदद से अंदर घुसने में कामयाब रहे. बुधवार देर रात पोस्ट एक वीडियो में गेराश्सेंको ने कहा, ‘उसने (इलेक्ट्रिशियन) उन्हें भूमिगत सुरंग दिखाईं जो संयंत्र तक पहुंचती हैं.’

उन्होंने कहा, ‘धोखेबाज से मिली सूचना की मदद से रूसी सैनिक कल इन सुरंगों में प्रवेश कर गए.’ हालांकि क्रेमलिन (रूस) ने सैनिकों के संयंत्र के भीतर प्रवेश की बात से इंकार किया है. पलमार ने दुनिया से रूस पर दबाव बनाने और संयंत्र से और असैन्य नागरिकों तथा घायल सैनिकों को सुरक्षित बाहर निकलने देने की अनुमति देने की अपील की है.

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