पंचकूला: नौकरी और दूसरे लाभ पाने के लिए बड़े स्तर के फर्जीवाड़े का खुलासा
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पंचकूला: नौकरी और दूसरे लाभ पाने के लिए बड़े स्तर के फर्जीवाड़े का खुलासा

खेल कोटे से सरकारी नौकरी व अन्य लाभ हासिल करने के लिए तैयार करवाए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेटों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगी हैं.

पंचकूला: नौकरी और दूसरे लाभ पाने के लिए बड़े स्तर के फर्जीवाड़े का खुलासा

साक्षी शर्मा/हरियाणा: खेल कोटे से सरकारी नौकरी व अन्य लाभ हासिल करने के लिए तैयार करवाए गए खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेटों में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़े की परतें खुलने लगी हैं. साल 2018 से 2021 तक जारी हुए करीब 5700 सर्टिफिकेटों में से करीब 2500 प्राथमिक जांच में फर्जी पाए गए हैं. उच्च स्तरीय जांच में यदि इनकी पूरी तरह से फर्जी की पुष्टि होती है.

तो इन्हें जारी करने वाले अफसरों से लेकर इन फर्जी सर्टिफिकेट की बदौलत नौकरी पाने वाले खिलाड़ियों का नमुना तय है. प्रदेश के खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग के निदेशक पंकज नैन ने जांच में मिली जानकारी की एक फाइल तैयार कर उच्च स्तरीय जांच के लिए सीएम की अनुमति के लिए उन्हें भेजी दी है. फाइल की एक कापी खेलमंत्री संदीप सिंह को भी भेजी गई है तो वहीं, सीएम से उच्च स्तरीय जांच के लिए स्वीकृति मिलते ही कार्यवाही शुरू हो जाएगी.

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एक स्टेट चैंपियनशिप में एक-एक जिले से 200-200 खिलाड़ी

ग्रेडेशन फर्जीवाड़ा मामले में जब टीम ने जिला स्तर पर जांच की तो पता चला कि एक ऐसी स्टेट चैंपियनशिप भी हुई, जिसमें एक-एक जिले से 200-200 खिलाड़ी खेला दिए गए, जांच में ऐसा प्रतीत हो रहा था कि खेल विभाग के अफसरों ने बिना जांचे ही सर्टिफिकेटों को धड़ल्ले से तैयार किया. सूत्रों की मानें तो एक वर्ष में दो-दो स्टेट चैंपियनशिप दिखा दीं.

खेल विभाग के आला अधिकारी मान रहे हैं कि कागजों में ही खेल प्रतियोगिताएं करवा कर सर्टिफिकेट जारी कर दिए. पहले चरण में 1 दिसंबर, 2020 से 4 जून, 2021 तक इन सात जिलों में हुई जांच हिसार, फतेहाबाद, भिवानी, सिरसा, कुरुक्षेत्र, कैथल, रेवाड़ी. निदेशक के अनुसार इन खेलों में मिला बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा थ्रोबाल, साफ्टबाल, ताइक्वांडो, कराटे हैं.

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इस तमाम जांच के बारे में बताते हुए हरियाणा खेल विभाग के निदेशक पंकज नैन ने बताया कि ‘खेल ग्रेडेशन सर्टिफिकेट की जांच में जांच टीमों को करीब 5700 में से करीब 2500 सर्टिफिकेट प्राथमिक जांच में फर्जी मिले हैं. इनमें से कितने सही हैं और कितने फर्जी, इसका पूरा सच जानने के लिए उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी.’

उन्होंने आगे कहा’ प्राथमिक जांच में मिली जानकारी के साथ फाइल तैयार कर स्टेट विजिलेंस की जांच के लिए सीएम को भेज दी है. सीएम की अनुमति के बाद ही विजिलेंस जांच होगी. इसकी एक कॉपी खेलमंत्री को भी भेजी गई है. फाइल में हमने स्टेट विजिलेंस के अलावा रिटायर्ड जज से भी जांच के लिए लिखा है. दोनों में जिसे भी सीएम अनुमति देंगे, उन्हीं से उच्च स्तरीय जांच करवाई जाएगी.

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