Himachal News: स्कूल शिक्षा बोर्ड आठ साल बाद कर रहा सात कक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव
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Himachal News: स्कूल शिक्षा बोर्ड आठ साल बाद कर रहा सात कक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव

हिमाचल प्रदेश में आठ साल बाद स्कूल की सात कक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव किया जा रहा है. यह बदलाव तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौंवी, दसवीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्रों में किया जाएगा. पूरी जानकारी के लिए आगे पढ़े

 

 

Himachal News: स्कूल शिक्षा बोर्ड आठ साल बाद कर रहा सात कक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव

Himachal News/विपन कुमार: प्रदेश में करीब आठ साल बाद सात कक्षाओं के प्रश्नपत्रों में बदलाव होने जा रहा है. जिसके तहत अब मल्टी च्वाइस प्रश्न बिखरे नहीं होंगे, बल्कि उन्हें एक सेक्शन में रखा जाएगा. यही नहीं परीक्षार्थियों को आंसरशीट के साथ ओएमआर शीट भी दी जाएगी. हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने इस संदर्भ में प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

स्कूल शिक्षा बोर्ड के सचिव  डा. मेजर विशाल शर्मा ने मंगलवार को प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश के विद्यार्थी विभिन्न कंपीटिशन में अच्छा प्रदर्शन करें, इसके लिए बदलाव की जरुरत दिख रही थी. तीसरी, पांचवीं, आठवीं, नौंवी, दसवीं, 11वीं और 12वीं कक्षा के प्रश्नपत्रों में बदलाव होने जा रहा है. पहले प्रश्न पत्रों में मल्टी च्वाइस प्रश्न बिखरे होते थे यानी कुछ 'सेक्शन ए' व कुछ 'सेक्शन बी' में होते थे. जिसके चलते परीक्षार्थियों को इन प्रश्नों को हल करने और शिक्षकों को उनका मूल्यांकन करने में दिक्कतें पेश आती थी.

एमसीक्यू की प्रतिशतता में बदलाव नहीं
बोर्ड सचिव ने बताया कि अब नए प्रश्न पत्रों में एमसीक्यू की प्रतिशतता में बदलाव नहीं किया है. सभी विषयों के प्रश्न पत्रों में एमसीक्यू प्रश्न केवल सेक्शन में आएंगे. इन प्रश्नों को हल करने के लिए आंसरशीट के अलावा ओएमआर शीट दी जाएगी. राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में जो प्रश्न पूछे जाते हैं, वही प्रश्न इनमें डाला जा रहा है. राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगी परीक्षाओं में नालेज और एप्लीकेशन आधारित प्रश्न व हायर टेस्टिंग स्कील प्रश्न पूछे जाते हैं. गौर रहे कि यहां के विद्यार्थी जो बोर्ड परीक्षाओं में तो अच्छी मेरिट प्राप्त कर रहे हैं लेकिन राष्ट्रीय स्तर के कंपीटिशन में पीछे रह जाते हैं.

करीब 35 फीसदी प्रश्न होंगे आसान
बोर्ड सचिव ने बताया कि  करीब 35 फीसदी आसान प्रश्न होंगे. करीब 30 से 35 मोडरेट प्रश्न और लगभग 25 से 30 फीसदी डिफिकल्ट प्रश्न होंगे. यानी हर स्तर का विद्यार्थी इन्हें अटेंप करें और पास हो सके.

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