विजय सेतुपति आज अपना 46वां जन्मदिन मना रहे हैं. एक्टर छठी कक्षा के बाद चेन्नई आ गए थे, जहां उन्होंने 16 साल की उम्र में फिल्म 'नम्मावर' के लिए पहली बार ऑडिशन दिया था. लेकिन छोटे कद के कारण उन्हें किसी भी भूमिका के लिए रिजेक्ट कर दिया गया था.
विजय ने इसके बाद कई छोटी-मोटी नौकरियां की, जिससे उनका खर्च चल सके. एक्टर ने पहले एक रिटेल स्टोर पर सेल्समेन का काम किया, फिर फास्टफूड की दुकान पर केशियर और एक फोनबूथ पर फ़ोन ऑपरेटर का काम किया.
सेतुपति ने मद्रास के कॉलेज से बैचलर ऑफ़ कॉमर्स(B.COM) में डिग्री हासिल की, जिसके एक हफ्ते बाद ही उन्होंने एक होलसेल सीमेंट बिज़नेस में अकाउंट असिस्टेंट की नौकरी की. विजय को अपने तीन भाई-बहनों कि देखभाल करने के लिए अकाउंटेंट की नौकरी करने दुबई चले गए थे. जहां उन्हें भारत के मुकाबले चार गुना सैलरी मिल रही थी.
दुबई में रहते समय विजय को ऑनलाइन मिली एक लड़की 'जेस्सी' से प्यार हो गया था. कपल ने कई साल एक दूसरे को डेट किया, फिर एक्टर 2003 में जेस्सी से शादी करने के लिए इंडिया वापिस आ गए थे. विजय और जेस्सी का एक बेटा सूर्य और एक बेटी श्रीजा है. एक्टर ने अपने बेटे का नाम सूर्य, मृत स्कूल दोस्त 'सूर्य' की याद में रखा था.
विजय का एक्टिंग से कोई वास्ता नहीं था. लेकिन एक बार साउथ के फेमस डायरेक्टर की नजर उन पर पड़ी, डायरेक्टर को विजय का चेहरा फोटोजेनिक लगा और उन्हें फिल्मों में काम करने की सलाह दी. जिसके बाद एक्टर ने सलाह मानकर फिल्मों में किस्मत आजमाई. 2006 से 2009 तक एक्टर ने कई फिल्मों में छोटे रोल निभाए. 2010 में निर्देशक सीनू रामासामी ने अपनी फिल्म के ऑडिशन के दौरान विजय के टैलेंट को पहचाना और सेतुपति को फिल्म 'थेनमेरकु परुवाकात्रु' में पहली मुख्या भूमिका मिली. इस फिल्म ने तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीते थे.
विजय ने अपने फ़िल्मी करियर की शुरुआत के बाद कई फिल्मों में काम किया, जिसके लिए उन्हें एक 'National Film Award', दो 'Filmfare Awards South' और दो 'Tamil Nadu State Film Awards' सहित कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है. 2014 में सेतुपति ने सफल एक्टिंग करियर के बाद अपने नाम से प्रोडक्शन हाउस खोला और उनकी प्रोड्यूस की हुई फिल्म ऑरेंज मित्तई को काफी प्रशंसा मिली थी.
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