जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने आज पलवल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को 9 दिसंबर को जेजेपी के स्थापना दिवस पर झज्जर में होने वाली जन सरोकार रैली में शामिल होने का न्योता दिया.
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रुश्तम जाखड़/ पलवल : जननायक जनता पार्टी (JJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने आज पलवल पहुंचे. इस दौरान उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं को 9 दिसंबर को जेजेपी के स्थापना दिवस पर झज्जर में होने वाली जन सरोकार रैली में शामिल होने का न्योता दिया. इस दौरान अजय चौटाला की एक बात को आगामी चुनाव में हरियाणा सरकार के लिए खतरे के तौर पर देखा जा रहा है.
JJP के तीसरे स्थापना दिवस को लेकर झज्जर में होने वाली जन सरोकार रैली के पहले से ही राज्य में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. कभी एक-दूसरे के खिलाफ रही इनेलो और जेजेपी के बगावती सुर अब नरम पड़ते दिखाई दे रहे हैं. क्या इनेलो और जेजेपी एक होंगे, इस सवाल पर जेजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय सिंह चौटाला ने एक चौंकाने वाला बयान दिया.
उन्होंने कहा कि अगर बड़े चौटाला ( इनेलो सुप्रीमो ओम प्रकाश चौटाला ) इस बात पर विचार करते हैं तो वह भी सोचेंगे. उनके एक बयान ने यह साफ संकेत दिया है कि आगे आने वाले समय में दोनों पार्टियां और परिवार एक हो सकते हैं. हालांकि अभी तक यह कोई नहीं स्पष्ट कर रहा है कि अगर दोनों परिवार और पार्टियां एक हो जाती हैं तो उनकी तरफ से आगामी चुनाव में मुख्यमंत्री का दावेदार कौन होगा?
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अभय सिंह चौटाला पर कटाक्ष
अजय सिंह चौटाला ने कहा कि झज्जर में होने वाली रैली नए आयाम स्थापित करेगी और इसमें कई नई घोषणाएं भी उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला की तरफ से की जाएंगी. इनेलो नेता अभय सिंह चौटाला पर कटाक्ष करते हुए अजय चौटाला ने कहा कि जब उन्होंने पार्टी को छोड़ा था तो 20 विधायक और 23% वोट इनेलो पार्टी के पास था, लेकिन अभय सिंह चौटाला पार्टी को संभाल नहीं पाए और आज वह वोट बैंक 23% से घटकर केवल 1% रह गया है. उन्होंने कहा कि उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला युवाओं से किए गए वादे को पूरा कर रहे हैं. चाहे वह हरियाणा के स्थानीय लोगों को रोजगार में 75% का आरक्षण देने की बात हो या फिर युवाओं के लिए दूसरी योजनाओं की बात हो.
सरनेम को लेकर हुआ था विवाद
ऐलनाबाद उपचुनाव के नतीजों के बाद चौटाला परिवार के सदस्यों के बीच टकराव बढ़ गया था. दादा ओमप्रकाश चौटाला और पोते दुष्यंत चौटाला के बीच तकरार देखने को मिल रही है. उपचुनाव जीतने के बाद अभय चौटाला ने 'चौटाला' उपनाम पर अपने परिवार का अधिकार जताते हुए भाई अजय सिंह के परिवार को इसका इस्तेमाल नहीं करने को कहा था.
पिछले चुनाव में सीटों का गणित
हरियाणा विधानसभा चुनाव (Haryana assembly election result 2019) में राज्य की कुल 90 सीटों में से सबसे ज्यादा 40 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इसके बाद कांग्रेस ने 31, इसके बाद इनेलो से अलग होने के बाद पहली बार चुनाव में उतरी जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने 10 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं कभी राज्य की सत्ता संभाल चुकी इंडियन नेशनल लोकदल (INLD) को एक सीट से संतोष करना पड़ा था.
हरियाणा लोकहित पार्टी के खाते में एक सीट आई है. इसके अलावा सात निर्दलीय प्रत्याशी जीते. ऐसे में अगर जेजेपी बीजेपी से गठबंधन तोड़कर इनेलो के साथ आ जाती है तो आगामी चुनाव में बीजेपी को फिर से सरकार बनाने के लिए मजबूत छवि के साथ मैदान में उतरना पड़ेगा.