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राकेश भयाना/पानीपत: कहते हैं कि कोई भी कार्य ईमानदारी व मेहनत से किया जाए तो उस कार्य में सफलता अवश्य मिलती है. ऐसे ही बचपन से लेकर युवावस्था तक परिवार का सहयोग मिलने से गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा (Golden Boy Neeraj Chopra) एक हस्ती एक नाम पूरे विश्व में सम्मान के साथ लिया जा रहा है. ओलंपिक में गोल्ड मेडल (gold medal) जीतने के बाद नीरज चोपड़ा ने जहां देश का तिरंगा पूरे विश्व में लहराया.
तो वहीं, देश की सरकार ने उसे अनेक पुरस्कारों से नवाजा व देश की जनता ने उसे अपनी आंखों पर बिठा लिया है. एक बार फिर नीरज चोपड़ा के नाम पदम श्री अवार्ड (Padma Shri Award) होने जा रहा है. नीरज चोपड़ा (Neeraj Chopra) को मिल रहे इतने सम्मान पर ज़ी मीडिया ने नीरज चोपड़ा के माता-पिता से खास बातचीत की और जाना कि इस सफलता का राज क्या है.
नीरज चोपड़ा के पिता सतीश ने बताया कि बचपन में सेहत अधिक होने के कारण 12 व 13 साल की उम्र से ही जिम में भेज दिया गया. तब से लेकर आज तक लगातार 7 से 8 घंटे मेहनत व निरंतर अभ्यास करने के बाद यह कठिन सफर तय कर बड़ी कठिनाई से सफलता मिली है. उन्होंने बताया कि नीरज को अब अपने कैरियर को और आगे बढ़ाने के लिए और उस पर खरा उतरने के लिए और ज्यादा मेहनत करनी पड़ेगी.
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उन्होंने आगे कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि वह अपनी इस उम्मीद पर खरा उतरेगा. नीरज चोपड़ा के पिता ने कहा कि पदम श्री अवार्ड मिलने पर पूरे परिवार को खुशी है और यह सब देशवासियों का आशीर्वाद है. नीरज की माता सरोज देवी ने कहा कि ओलंपिक गोल्ड मेडल जीतने के बाद जब 2 महीने के बाद घर पर आया तो तीन-चार दिन रहा था. उसके बाद बहुत कम समय घर पर आने का मिल रहा है.
उन्होंने कहा कि उनकी सफलता का राज बचपन से परिवार का सहयोग है कि अपनी मेहनत पर खरा उतरा है. पदम श्री अवार्ड मिलने पर माता बड़ी खुशी से कहती है कि देश व बच्चों को बड़ी खुशी हो रही है और यह सब सभी देशवासियों के आशीर्वाद का फल है. बहरहाल नीरज चोपड़ा को मिल रहा है इतना सम्मान तमाम देश के युवाओं के लिए प्रेरणा बन रहा हैं. ईमानदारी और कड़ी मेहनत से किया कार्य सफलता के मुकाम तक जरूर पहुंचाता है.