दिल्ली में SKM की बैठक हुई शुरू, केंद्र मान सकती है सभी मांगेः सूत्र
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दिल्ली में SKM की बैठक हुई शुरू, केंद्र मान सकती है सभी मांगेः सूत्र

हरियाणा समेत दिल्ली से सटे बॉर्डर पर पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और सरकार के बीच जल्द समझौते की उम्मीद जताई जा रही है.

दिल्ली में SKM की बैठक हुई शुरू, केंद्र मान सकती है सभी मांगेः सूत्र

नई दिल्ली: हरियाणा समेत दिल्ली से सटे बॉर्डर पर पिछले एक साल से चल रहे किसान आंदोलन लेकर संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) और सरकार के बीच जल्द समझौते की उम्मीद जताई जा रही है. तो वहीं, दिल्ली में ऑल इंडिया किसान सभा (All India Kisan Sabha) के दफ्तर में संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय कमेटी की बैठक शुरू हो चुकी है.

इसके बाद दोपहर 2 बजे सिंघु बॉर्डर पर संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया जाएगा और इसके बाद ही ऐलान किया जाएगा की किसान आंदोलन खत्म होगा या फिर नहीं. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक ‘वह किसानों की सभी मांगें मानने को तैयार है. सरकार ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश में किसानों के खिलाफ सभी मामलों को तत्काल निलंबित करने की पेशकश की है.

उन्होंने आगे बताया कि ‘अब समिति नए प्रस्ताव पर विचार कर रही है. हालांकि, इस बारे में किसी भी किसान नेता ने पुष्टि नहीं की है.’ इसी के साथ संयुक्त किसान मोर्चा की पांच सदस्यीय समिति के सदस्य अशोक धवले ने कहा कि ‘हम इस बात की सराहना करते हैं कि सरकार बातचीत के लिए तैयार है और लिखित में कुछ दे रही है. लेकिन, प्रस्ताव में कुछ खामियां थीं. इसलिए कल रात हमने इसे कुछ संशोधनों के साथ वापस भेज दिया और अब हम सरकार की प्रतिक्रिया की प्रतीक्षा कर रहे हैं.’

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सरकार ने यह भी कहा कि ‘आंदोलन खत्म करने के बाद हमारे खिलाफ दर्ज मामले वापस ले लिए जाएंगे. यह गलत है.  हमें यहां ठंड में बैठना पसंद नहीं है. सैद्धांतिक रूप से मुआवजे को मंजूरी दे दी गई है, हमें पंजाब मॉडल जैसा कुछ ठोस चाहिए. उन्होंने बिजली बिल को वापस लेने का भी वादा किया था. लेकिन, अब वे हितधारकों के साथ इस पर चर्चा करना चाहते हैं और फिर इसे संसद में रखना चाहते हैं। यह विरोधाभासी है.’

इन तीन बिंदुओं पर अटकी हैं सबकी नजर

खबरों की मानें तो बीते मंगलवार को मोर्चा की अहम बैठक होने से पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय से छह सूत्रीय प्रस्ताव लेकर आए प्रतिनिधिमंडल ने कुंडली में मोर्चा कमेटी के सभी पांच सदस्यों से गुप्त बैठक की थी. इस बैठक के बाद कमेटी के सदस्यों ने सभी प्रस्ताव मोर्चा की बैठक के सामने पेश की. इन प्रस्तावों में तीन बिंदुओं पर किसान नेताओं ने सवाल खड़े किए हैं और उन्होंने सरकार से बुधवार यानी की आज तक का स्पष्टीकरण मांगा था.

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