अद्भुत हिमाचल की सैर: पहाड़ियों की शान धाम, इसका स्वाद नहीं चखा तो क्या चखा...
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अद्भुत हिमाचल की सैर: पहाड़ियों की शान धाम, इसका स्वाद नहीं चखा तो क्या चखा...

अद्भुत हिमाचल की सैर:  शादी हो या फिर कोई और शुभ अवसर इन मौकों पर मेहमानों के लिए जो खाना बनता है उसे धाम कहा जाता है. हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों की अपनी अलग-अलग धाम हैं. जिसमें मंडयाली और कांगड़ी धाम सबसे ज्यादा मशहूर हैं.

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अद्भुत हिमाचल की सैर:  बर्फीले पहाड़ों और खूबसूरत वादियों के अलावा हिमाचली धाम की भी अपनी अलग पहचान है. कहते है जो हिमाचल घूमने आया और यहां की धाम खाए बिना लौट गया, तो उसका हिमाचल घूमना आधा-अधूरा रह जाता है.

12 जिलों की अपनी अलग-अलग धाम 
शादी हो या फिर कोई और शुभ अवसर इन मौकों पर मेहमानों के लिए जो खाना बनता है उसे धाम कहा जाता है. हिमाचल प्रदेश के सभी 12 जिलों की अपनी अलग-अलग धाम हैं. जिसमें मंडयाली और कांगड़ी धाम सबसे ज्यादा मशहूर हैं.

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हिमाचल की अलग-अलग जगहों पर धाम भी अलग-अलग ढंग से बनाई जाती है. कांगड़ी धाम को सबसे बेहतर धाम में गिना जाता है. वहीं कुल्लू की धाम को पारपंरिक तौर पर सबसे पुरानी धाम में गिना जाता है.

गड्ढा खोद बनाई जाती है धाम...
धाम बनाने वाले रसोईये को बोटी कहा जाता है. धाम बनाने के लिए सबसे पहले कई फीट लंबा गहरा  गड्ढा खोदा जाता है. शादी में सभी तरह के पकवान इसी जगह आग पर बनाए जाते हैं. 

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धाम में खाना बनाने के लिए खासकर पीतल के बड़े बर्तनों का इस्तेमाल किया जाता है जिसे बटलोई कहते हैं. जिससे धाम में बनने वाला खाना अधिक स्वादिष्ट हो जाता है.

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धाम को तैयार करने के लिए तैयारी रात से ही शुरू कर दी जाती है. धाम खाने के लिए लोग जमीन पर बैठते हैं और भोजन पारंपरिक तरीके से पत्तों की थाली में परोसा जाता है जिन्हे पत्तल कहते हैं.

खुले आसमान के निचे खाते है धाम...
धाम का आनंद खुले आसमान के निचे लिया जाता है. हिमाचल के कांगड़ा जिले की धाम को सबसे बेहतर धाम में गिना जाता है. कांगड़ी धाम में चावल के साथ नौ तरह की दालें और सब्जियां बनाई जाती हैं. 

 

 

कई खाने में चावल के साथ मदरा, राजमाह, चने की दाल, मटर पनीर, माह की दाल, छोलियां और कढ़ी को परोसा जाता है. कांगड़ा धाम में चावल के साथ पूरी भी परोसी जाती है.

इसके अलावा पालक पनीर, अरहर की दाल, रोंगी भी परोसे जाते हैं. साथ ही सबसे अंत में मीठे चावल या बूंदी का मीठा दिया जाता है. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी कांगड़ी धाम बेहद पसंद हैं...वो कई जनसभाओं में इस बात का जिक्र कर चुके हैं.

मंडयाली धाम की अलग पहचान...
बिना प्याज व लहसुन के बनाई जाने वाली मंडयाली धाम को खाकर हर कोई संतुष्ट हो जाता है और तारीफ करना नहीं भूलता. मंडयाली धाम पर कई शोध भी हो चुके हैं और इसे आयुर्वेदिक आहार बताया गया है. हिमाचली धाम का स्वाद ही कुछ अलग होता है. जिसका श्रेय बोटिसों को दिया जाता हैं.

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