Cannabis: हिमाचल में भांग की खेती को लेकर तैयार की जाएगी SOP, लाइसेंस के आधार पर मिलेगी अनुमति
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Cannabis: हिमाचल में भांग की खेती को लेकर तैयार की जाएगी SOP, लाइसेंस के आधार पर मिलेगी अनुमति

Himachal News: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को वैध करने की तैयारी है. इसे लेकर शुक्रवार को सदन में अपनी रिपोर्ट पेश की.  राजस्व मंत्री एवं कमेटी के चेयरमैन जगत नेगी ने कहा कि हिमाचल में इंडस्ट्रियल और औषधीय इस्तेमाल के लिए भांग की नियंत्रित खेती की जा सकती है.

Cannabis: हिमाचल में भांग की खेती को लेकर तैयार की जाएगी SOP, लाइसेंस के आधार पर मिलेगी अनुमति

Himachal Pradesh Cannabis News in Hindi: हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को सरकार वैध करने जा रही है. जिसको लेकर कैबिनेट मंत्री जगत नेगी ने एक रिपोर्ट विधानसभा सदन पटल पर रखी. अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भांग की खेती को जल्द ही लीगल किया जाएगा.  बीते बजट सत्र में भांग की खेती को लीगल करने का मुद्दा सदन में उठा था, जिसके बाद सरकार ने पक्ष और विपक्ष के सदस्यों की राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी की अध्यक्षता में 7 सदस्यीय कमेटी बनाई गई. जिसमें भांग की खेती करने वाले राज्यों का अध्ययन किया और आज कमेटी की रिर्पोट को सदन में रखा गया है. 

कमेटी ने राज्य के सभी जिलों का दौरा कर पंचायत स्तर से जनप्रतिनिधियों के सुझाव लिए और अन्य राज्यों मध्य प्रदेश, उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर का दौरा कर भांग की खेती को औषधीय और औद्योगिक रूप में अपनाने की बारीकियां की जानकारी ली है. 

जगत सिंह नेगी ने कहा कि पड़ोसी राज्य उतराखंड सहित अन्य राज्यों में नशा मुक्त भांग की खेती लीगल है. एनडीपीएस एक्ट में भी भांग की खेती पर राज्यों को लीगल करने का अधिकार दिया गया है. भांग की खेती से प्रदेश की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में मदद मिल सकती है, लेकिन इससे नशे को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति न हो.  इसके लिए भांग की खेती को लेकर एसओपी तैयार की जाएगी. 

साथ ही बताया कि बीज सरकार देगी और खेती पॉलीहाऊस में होगी. खेत में इसका भी प्रावधान किया जाएगा. सरकार पूरा चैक रखेगी की भांग की खेती का नशे में प्रयोग न हो. 

भांग की खेती से हिमाचल को 18 हजार करोड़ की आय का अनुमान है.  राज्य के 2400 एकड़ में अनुमानित भांग की संगठित अवैध खेती होती है. गांजा पुराने हिमाचल के मंडी, कुल्लू, सिरमौर, शिमला व चम्बा के कुछ क्षेत्रों में उगाया जाता है. बता दें, भांग की खेती का इतिहास 12 हजार साल पुराना है. भांग का वैसे तो औषधि के रूप में उपयोग ही किया जाता रहा है, लेकिन नशे के रूप में भांग को लेकर हिमाचल के कुछ जिले खासे बदनाम भी हैं. कुल्लू का मलाणा क्षेत्र को तो भांग का हब माना जाता है. 

जानकारी के अनुसार, हिमाचल में यह पौधा सभी जिलों में उगता है. मौजूदा समय में नशीली दवाओं के संभावित उपयोग के कारण विभिन्न एजेंसियों द्वारा इस पौधे को नष्ट किया जा रहा है. हालांकि, इंडस्ट्रियाल भांग की खेती पर्यावरण के लिए खतरनाक नहीं है क्योंकि इसमें कार्बन की मात्रा कम है. यही नहीं इस पौधे को आवारा पशु, जंगली जानवर भी नष्ट नहीं कर सकते.

वहीं, विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर ने हिमाचल में भांग की खेती लीगल करने पर सवाल उठाए. उन्होंने कहा कि एक तरफ पुलिस भांग की खेती को उखाड़ रही है, तो दूसरी तरफ भांग की खेती को लीगल कर रही है. सरकार नशा मुक्त भांग की खेती करने की बात कह रही है लेकिन ये कैसे हो पाएगा इस पर सवाल है।.दूसरे राज्यों में क्या परिणाम रहे हैं. उस पर जानकारी के अलावा जनभावना का भी ध्यान रखना होगा. 

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