Himachal Pradesh News: सचिव हेल्थ ने हमीरपुर के मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य 31 जनवरी तक पूरा करने के ठेकेदार और सीपीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निर्देश दिए जारी किए हैं. उन्होंने कहा है कि इसका निर्माण कार्य पहले ही काफी लेट हो चुका है.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हमीरपुर के जोलसप्पड़ में निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज भवन के निर्माण कार्य में देरी हो रही है. इसे लेकर सचिव स्वास्थ्य विभाग ने कड़ी आपत्ति जताई है. इस कार्य को जल्द पूरा करने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग को जारी किए गए हैं. निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि जल्द से जल्द इस कार्य को मूर्तरूप दिया जाए. यह प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसका निर्माण समयबद्ध होना चाहिए.
सचिव हेल्थ ने इस संदर्भ में स्वास्थ्य विभाग के आलाधिकारियों ठेकेदार व सीपीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों के साथ बैठक भी की. सभी के साथ बैठ कर निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज की वास्तविक स्थिति के बारे में पूछताछ करने के साथ ही उचित दिशा-निर्देश भी जारी किए. उन्होंने कहा कि यह प्रदेश सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है. इसके निर्माण कार्य में और देरी नहीं होनी चाहिए. निर्माण कार्य को पूरा करने के लिए 31 जनवरी 2024 तक के निर्देश जारी किए गए हैं.
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मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. आरके अग्रिहोत्री ने बताया कि जोलसप्पड़ में बन रहे निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज को लेकर सरकार गंभीर है. वर्तमान में क्षेत्रीय अस्पताल में चल रहे मेडिकल कॉलेज में लोगों की काफी भीड़ जमा रहती है. यहां स्पेस की कमी होने की वजह से मरीजों को उपचार में दिक्कत आती है. यही वजह है कि जोलसप्पड़ में मेडिकल कॉलेज का निर्माण जल्द पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर जल्द जोलसप्पड़ में मेडिकल कॉलेज शुरू हो जाता है तो लोगों को काफी राहत मिलेगी.
उन्होंने कहा कि सचिव स्वास्थ्य विभाग ने नादौन अस्पताल में विजिट कर खास दिशा-निर्देश जारी किए हैं. उन्होंने कहा कि यहां वह बीएमओ नादौन से मिले. इस दौरान उन्होंने कृष्णा लैब की रिपोर्ट जो कि मरीजों को दूसरे दिन मिल रही थी, उसे लेकर भी जरूरी दिशा-निर्देश जारी करते हुए समयबद्ध मरीजों को टेस्ट की रिपोर्ट उपलब्ध कराने के लिए कहा गया है.
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उन्होंने कहा कि बीएमओ को कहा गया है कि वह जगह चिन्हित करें ताकि यहां सिटी स्कैन भी किया जा सके. जगह उपलब्ध होने पर नादौन अस्पताल में मरीजों को सिटी स्कैन की सुविधा मिलेगी. उन्होंने कहा कि नादौन अस्पताल में आठ स्पेशलिस्ट डॉक्टर लगाए गए हैं ताकि मरीजों को किसी भी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े. इसके साथ ही कहा कि स्पेशलिस्ट होने की सूरत में यहां मरीजों को दाखिर कर उपचार की सुविधा प्रदान की जानी चाहिए, अनावश्यक तौर पर मरीज को रैफर न किया जाए.
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