सूखे की मार से किसान-बागवान परेशान, 60 फीसदी कृषि क्षेत्र प्रभावित
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सूखे की मार से किसान-बागवान परेशान, 60 फीसदी कृषि क्षेत्र प्रभावित

सूखे के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है. सूखे के कारण फसलों में कई तरह की दिक्कतें सामने निकल कर आ रही हैं.

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समीक्षा राणा/शिमला: हिमाचल प्रदेश में कई महीनों से लगातार बारिश न होने के चलते सूखा पड़ा है. सूखे के कारण कई तरह की परेशानियों का सामना किसानों को करना पड़ रहा है. सूखे के कारण फसलों में कई तरह की दिक्कतें सामने निकल कर आ रही हैं.

60 फीसदी तक प्रभावित हुआ कृषि क्षेत्र 
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में इन दिनों गेहूं मटर और अन्य सब्जियों की फसलों का सीजन चल रहा है काफी लंबे समय से बारिश न होने के चलते फसलें प्रभावित हो रहीं हैं. इस बार गेहूं का दाना पूरी तरह से तैयार नहीं हो पाया. सूखे से कृषि क्षेत्र भी 60 फीसदी तक प्रभावित हुआ है.

गेहूं की फसल पर सबसे ज्यादा मार 
गेहूं की फसल पर सबसे ज्यादा मार पड़ी है. इन दिनों मटर की फसल का सीजन चल रहा है. वहीं अब तक बारिश न होने के चलते मटर पर काफी ज्यादा प्रभाव पड़ा है. यदि इसी तरह बारिश नहीं हुई, तो आने वाले समय मे मटर और अन्य सब्जियां खराब जो जाएंगी. सूखे के कारण मटर की फसल शिमला, मंडी, सोलन, कुल्लू में सबसे ज्यादा प्रभावित हो रही है.

सूखे के कारण किसान परेशान 
किसानों का कहना है कि लगातार सूखे के कारण खेती प्रभावित हो रही है. आर्थिकी पर खासा असर सूखे के कारण पड़ेगा क्योंकि अधिकतर आर्थिकी  किसानी से ही चलती है.

जल शक्ति मंत्री ने मांगी रिपोर्ट
जल शक्ति मंत्री ने सभी जिलों से गेहूं की रिपोर्ट मांगी है क्योंकि गेहूं की फसल पर काफी प्रभाव सूखे का दिखाई दिया है. मंत्री ने कहा कि क्षेत्रों में हैंडपंप लगाने के लिए स्थान चिन्हित करने का निर्णय लिया गया है.

विभाग के विशेषज्ञ ऐसे स्थानों को चयनित करेंगे जहां हेडपंप लगाए जा सके ताकि लोगों को पेयजल की किल्लत से राहत मिल सके. मंत्री ने कहा कि सूखे की चपेट में हिमाचल की 550 पेयजल योजनाओं का जलस्तर गिरा है. वहीं, 60 फ़ीसदी कृषि क्षेत्र प्रभावित हुआ है.

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