Himachal News: पूर्व CM जयराम ठाकुर ने हिमाचल की स्थिति को लेकर जताई चिंता, कहा- संकट में भविष्य
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Himachal News: पूर्व CM जयराम ठाकुर ने हिमाचल की स्थिति को लेकर जताई चिंता, कहा- संकट में भविष्य

Shimla News: पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने हिमाचल की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. उन्होंने ज़ी मीडिया से बातचीत में कहा कि हिमाचल प्रदेश का भविष्य संकट में है. 

Himachal News: पूर्व CM जयराम ठाकुर ने हिमाचल की स्थिति को लेकर जताई चिंता, कहा- संकट में भविष्य

Shimla News: हिमाचल प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने इन दिनों शिमला विधानसभा में चल रहे मौनसून सत्र के दौरान सदन में प्रदेश की वित्तीय हालत बेहद नाज़ुक बताई है. यह एक गम्भीर विषय है. वित्तीय हालत में जल्द सुधार नहीं हो पाया तो प्रदेश में कर्मचारियों की सैलरी, विकासात्मक कार्यों, बेरोज़गारों को मिलने वाली नौकरियों पर असर पड़ सकता है. कांग्रेस की मौजूदा सुक्खू सरकार प्रदेश की इस हालत का असली ज़िम्मेदार पूर्व की भाजपा सरकार को ठहरा रही है. 

वर्तमान में हिमाचल प्रदेश पर 90000 करोड़ का भारी भरकम कर्ज़ का बोझ पड़ चुका है और भविष्य में हिमाचल की प्रगति को रफ़्तार देने के लिए और कर्ज़ लेना सुक्खू सरकार की मजबूरी बनता जा रहा है. 

इस गम्भीर विषय पर हिमाचल के पूर्व मुख्यमंत्री व नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने जी मीडिया से इक्स्क्लूसिव बातचीत में चिंता जताई है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश का भविष्य संकट में हैं. वित्तीय संकट से हिमाचल के बेरोजगारों को नौकरी नहीं मिलेगी, सारे विकास के काम रुक जाएंगे. सुक्खू सरकार ड्रामा बंद करें और सख़्त कदम उठाए,नहीं तो हालत बद से बत्तर हो जाएंगे.  

वहीं, हिमाचल प्रदेश सरकार के रेवेन्यू मिनिस्टर जगत नेगी से इस मामले पर भी बातचीत की है, जिसमें उनका कहना है की हिमाचल प्रदेश की इस हालत का ज़िम्मेदार पूर्व की जयराम सरकार है. CM के नौकरी हालत पर वक्तव्य को गलत बताया जा रहा है. प्रदेश की नौकरी स्थिति के बारे में प्रदेश की जनता को जानने का हक है. हिमाचल प्रदेश सरकार फ़ाइनैन्शिल बजट के सारे टार्गेट पूरे कर लेगी. हिमाचल की जनता को किसी बात की चिंता करने की जरूरत नहीं है. 

बता दें, सतापक्ष और विपक्ष इस मुद्दे पर आमने सामने हैं, लेकिन इस तकरार में हिमाचल प्रदेश की लगभग 80 लाख से ज़्यादा की जनता पर बढ़ता क़र्ज का बोझ कैसे कम होगा. ये विषय गंभीर है. 

स्टोरी बाई- संदीप सिंह, शिमला

 

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