सोलन में 602 आशा वर्कर्स को अब तक नहीं मिला सितंबर माह का वेतन, महिलाएं परेशान
Advertisement
Article Detail0/zeephh/zeephh1932762

सोलन में 602 आशा वर्कर्स को अब तक नहीं मिला सितंबर माह का वेतन, महिलाएं परेशान

Solan News: हिमाचल के सोलन में आशा वर्कर को अब तक वेतन नहीं मिला है. जिसके कारण से आशा वर्कर्स को घर चलाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. 

सोलन में 602 आशा वर्कर्स को अब तक नहीं मिला सितंबर माह का वेतन, महिलाएं परेशान

Solan News: कोराना काल में बेहतरीन सेवाएं प्रदान करने वाली आशा वर्कर को अब वेतन के भी लाले पड़ गए है. स्वास्थ्य विभाग के पास इनके वेतन के लिए बजट ही नहीं है. यही कारण है कि जिला सोलन में 602 आशा वर्कर को सितंबर का वेतन नहीं मिला है. 

बजट की स्थिति यही बनी रही तो अक्टूबर माह के वेतन पर भी अभी से ही संकट छा सकता है. त्योहारी महीने में इन आशा वर्कर को परिवार का खर्च चलाना भी मुश्किल हो गया है. केन्द्र सरकार की स्वास्थ्य से संबधित योजनाओं को घर-घर तक पहुंचाने की जिम्मेदारी आशा वर्कर के कंधों पर है, लेकिन बिना पगार के आश वर्करों की अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वाहन करना पड़ रहा है. 

इन वर्कर को हर माह 8 हजार रुपए के करीब पगार मिलते हैं, लेकिन इन महिला कर्मियों को यह तो नहीं पहुंच रही है लेकिन एक कार्यक्रम के बाद दूसरे को पूरे करने की जिम्मेदारी इन्हें सौंपी जा रही है. 

आशा वर्क को 100 दिनों के अंदर आयुष्मान भव कार्यक्रम में निर्धारित लक्ष्य का पूरा करना है. इसके तहत आशा वर्कर्स शहरों से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में घर-घर जाकर आयुष्मान कार्ड बना रही है. इसके अलावा आभा कार्ड बनाने की जिम्मेदारी इनके ऊपर ही है. 

इसके तहत आयुष्मान धारक का हैल्थ कार्ड बनाया जा रहा है. यही नहीं आयुष्मान कार्ड की के.वाई.सी. भी यही कार्यकर्ता घर -घर जाकर कर रही है. आयुष्मान कार्ड को आधार कार्ड से लिंक किया जा रहा है.  इसके अलावा टी.बी. कुष्ठ रोगियों का सर्वे भी आशा ही कर रही है. 

इसके बावजूद उन्हें समय पर वेतन का भुगतान न होने से कई सवाल भी खड़े हो रहे है. कोराना काल में जब लोग घरों तक ही सीमित थे तो आशा वर्कर पीड़ितों तक स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में लगी हुई थी. आशा वर्कर संघ की प्रदेश अध्यक्ष अनिता ने कहा कि आशा वर्कर से लगातार भेदभाव किया जा रहा है. 

सितंबर माह का वेतन अभी तक नहीं मिला है. स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से बात की तो उनका कहना है कि बजट नहीं है. अब बिना वेतन के परिवार का पालन पोषण करना भी मुश्किल हो गया है. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि उनके वेतन जल्दी जारी किया जाए. उनका कहना है कि पूरे प्रदेश में इस तरह की स्थिति बनी हुई है. 
जिला स्वास्थ्य अधिकारी सोलन अमित रंजन ने बताया कि धर्मपुर व नालागढ़ विकास खंड में ही बजट की कमी आड़े आ रही है.  उन्होंने बताया कि बजट का एक-दो दिनों में वेतन जारी कर दिया जाएगा. 

Trending news