Himachal Pradesh Budget 2023: हिमाचल प्रदेश विधानसभा बजट सत्र का आज तीसरा दिन है. तीसरे दिन की शुरुआत हंगामे के साथ शुरू हुई.
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Himachal Pradesh Budget 2023: हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्रवाही से पहले बीजेपी विधायक दल ने सदन के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया. नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर की अगुवाई में बीजेपी विधायक ताला और जंजीर लेकर विधानसभा में पहुंचे. इस दौरान विधायकों ने सदन के बाहर जमकर नारेबाजी की. बीजेपी विधायक दल के नेता जयराम ठाकुर ने सुक्खू सरकार को ताले वाली सरकार करार दिया.
कांग्रेस की सुखु सरकार ने तानाशाही रवैये के तहत प्रदेश में सैंकड़ों संस्थान बंद कर दिए है।
इसी के विरोध में आज विधानसभा परिसर में हमने तालों के साथ सांकेतिक प्रदर्शन किया, लेकिन सरकार की ओर से गुंडागर्दी का रुख अपनाया गया।
यह सदन की गरिमा के विपरीत है। pic.twitter.com/l6fNRdwGa1
— Jairam Thakur (jairamthakurbjp) March 16, 2023
इसके बाद बीजेपी विधायकों ने विधानसभा में मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर भी जमकर नारेबाजी की. विधानसभा में मुख्यमंत्री के कार्यालय के बाहर एक और दिलचस्प तस्वीर देखने को मिली. बीजेपी विधायकों की नारेबाजी के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पूर्व बीजेपी अध्यक्ष और ऊना सदर के विधायक सतपाल सिंह सत्ती का गले लगा कर अभिवादन किया.
इस दौरान नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व वाली सरकार प्रदेशभर में ताले वाली सरकार के नाम से मशहूर हो रही है. उन्होंने कहा कि सरकार बनने के बाद से सिर्फ और सिर्फ ताला लगाने का काम किया जा रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सदन की कार्यवाही के दूसरे दिन नियम 67 के तहत चर्चा हुई. इस चर्चा में भी मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बिना तथ्यों के जवाब दिया और बातों को घुमाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि संस्थान बंद करने के खिलाफ बीजेपी विधायक दल चुप नहीं बैठेगा और लगातार जनता की आवाज मुखरता से उठाएगा.
आगे उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की जवाब से वो कल संतुष्ट नहीं थे, जिसके लिए कल ही वॉकआउट किया था और आज भी सदन से वाकआउट किया गया. नेता विपक्ष ने कहा कि भाजपा विधायक दल मुख्यमंत्री चेंबर के बाहर शांति से प्रदर्शन कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने वहां नारेबाजी कर गुंडागर्दी करने की कोशिश की साथ ही मुख्यमंत्री से मिलने नहीं दिया गया, जिसके बाद हम लोगों ने सदन से वॉकआउट किया.
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