Hamirpur में ट्रेड यूनियनों ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ बंद किए जाने के विरोध में DC के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन
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Hamirpur में ट्रेड यूनियनों ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ बंद किए जाने के विरोध में DC के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला में श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ बंद किए जाने के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने प्रदेश सरकार को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई मांगें की गई हैं. 

Hamirpur में ट्रेड यूनियनों ने श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ बंद किए जाने के विरोध में DC के माध्यम से प्रदेश सरकार को भेजा ज्ञापन

अरविंदर सिंह/हमीरपुर: श्रमिक कल्याण बोर्ड के लाभ बंद किए जाने के विरोध में ट्रेड यूनियनों ने डीसी के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू, श्रम एवं रोजगार मंत्री, हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड शिमला को ज्ञापन भेजा है. सीटू, भारतीय मजदूर संघ, इंटक (इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस), एटक (अखिल भारतीय मजदूर संघ कांग्रेस) सभी ट्रेड यूनियनों ने इकट्ठा होकर ज्ञापन उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा. 

ट्रेड यूनियन के पदाधिकारियों ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा कि हिमाचल प्रदेश में बीते साल हुए विधानसभा चुनावों में 11 दिसंबर 2022 को सुक्खू सरकार का गठन हुआ था. अब सरकार को बने एक साल पूरा हो गया है, लेकिन हमें खेद के साथ कहना पड़ रहा है कि इस एक साल की समय अवधि में हिमाचल प्रदेश भवन एवं अन्य निर्माण कामगार कल्याण बोर्ड में निर्माण मजदूरों का पंजीकरण, नवीनीकरण और उन्हें मिलने वाली सहायता राशि लगभग बंद हो गई है. 

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उन्होंने कहा कि इसके बारे में अलग-अलग मजदूर यूनियनों ने प्रदेश सरकार को कई मांग पत्र सौंपे और बोर्ड बैठकों में भी कार्य को शुरू करने की मांग की गई, लेकिन अभी तक यह कार्य शुरू नहीं किया गया है. इसलिए सभी पंजीकरण मजदूर यूनियन/संगठनों ने एक मंच पर इकट्ठा होकर इसकी मांग उठाने और जरूरत के अनुसार संघर्ष करने की योजना बनाई है. मांगपत्र के माध्यम से सरकार और बोर्ड को एक माह के अंदर सभी कार्य शुरू करने का अल्टीमेटम दिया गया है. उन्होंने कहा कि अगर कार्य शुरू नहीं किया गया तो इसके बाद सभी यूनियन सडकों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए मजबूर होंगी.

वहीं, हिमाचल भवन एवं सड़क निर्माण मजदूर यूनियन (सीटू) हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष जोगिंद्र कुमार ने कहा कि मांगों में 12 दिसंबर 2022 को जारी की गई उस अधिसूचना को वापस लिया जाए, जिसमें मनरेगा मजदूरों को निर्माण मजदूर न मानने का गैर कानूनी निर्देश जारी हुआ है. सभी मनरेगा मजदूरों को जो निर्माण कार्य में एक साल में 90 दिन से अधिक काम करते हैं उन्हें बोर्ड का सदस्य बनने और उन्हें सभी निर्धारित लाभ जारी करने का कानूनी अधिकार बहाल किया जाए.

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जोगिंद्र कुमार ने कहा कि सभी मजदूरों की बीते तीन वर्षों की सहायता राशि तुरंत जारी की जाए. आठ फरवरी 2023 को सरकार द्वारा जारी उस अधिसूचना को भी रद्द किया जाए, जिसमें मजदूरों के पंजीकरण के लिए सेस अदायगी की गैर कानूनी शर्त लगाई गई है, साथ ही पंजीकृत निर्माण मजदूरी को रोजगार प्रमाण पत्र जारी करने के अधिकारी से वंचित किया गया है.

बोर्ड की कार्यप्रणाली को सुचारू रूप से चलाने के लिए बोर्ड का स्थाई अध्यक्ष और सचिव नियुक्त किया जाए. बोर्ड का राजस्व बढ़ाने के लिए निजी व सरकारी क्षेत्र में हो रहे निर्माण कार्यों से सेस उगाही को सही ढंग से किया जाए और उसके लिए श्रम विभाग को उचित दिशा-निर्देश जारी किए जाएं. इस साल जुलाई-अगस्त में भारी बारिश से हुई तबाही की भरपाई के लिए बोर्ड के सदस्य मजदूरों को बोर्ड से सहायता राशि प्रदान की जाए.

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