Himachal News in Hindi: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा 10 गारंटियों में ओपीएस बहाली के वादे को पूरा करते हुए जहां सरकारी विभाग से रिटायर्ड कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन दिया जा रहा. तो बिलासपुर की कामिनी डोगरा जिला की पहली महिला ओल्ड पेंशनर लाभार्थी बनी.
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Bilaspur News: हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा लोगों को 10 गारंटियां दी गई थी. जिसमें सबसे महत्वपूर्ण गारंटी ओपीएस बहाल करना थी. वहीं, विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी की जीत दर्ज करने के पश्चात सुखविंदर सिंह सुक्खू प्रदेश नए मुख्यमंत्री बने और उन्होंने कैबिनेट मंत्रियों की नियुक्ति के पश्चात ओपीएस बहाली की घोषणा कर सरकारी विभागों से सेवानिवृत्त एनपीएस कर्मचारियों को पुरानी पेंशन की सौगात दी है.
वहीं पुरानी पेंशन का लाभ प्राप्त करने वाले सरकारी कमर्चारियों में बिलासपुर की कामिनी डोगरा भी शामिल हो गई हैं और कामिनी डोगरा बिलासपुर जिला की पहली ओल्ड पेंशर्स महिला लाभार्थी बनी है. जिन्हें अक्टूबर माह से ओपीएस का लाभ मिलेगा.
गौरतलब है कि कामिनी डोगरा ने वर्ष 2007 में रेगुलर शिक्षिका के रूप में सरकारी स्कूल में अपनी सेवाएं देना शुरू किया था और 12 साल 8 महीने 21 दिन का कार्यकाल पूरा करने के बाद वह दिसम्बर 2019 में वह हिंदी लेक्चरार के पद से सेवानिवृत्त हुई थी और एनपीएस के तहत उन्हें 3,107 रुपए की मासिक पेंशन मिलने लगी. जिससे उनका व उनके परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो गया था.
वहीं अब मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू द्वारा ओपीएस बहाली की घोषणा के बाद 17 सितंबर को कामिनी डोगरा को पुरानी पेंशन के दायरे में लाया गया है. जिसके सम्बंध में उन्हें पेंशन पेमेंट आर्डर भी विभाग की ओर से भेजा गया है और पुरानी पेंशन के तहत अब कामिनी डोगरा को 39,865 रुपए मासिक पेंशन अक्टूबर 2023 से मिलना शुरू हो जाएगी.
पुरानी पेंशन मिलने से पूर्व कामिनी डोगरा ने एनपीएस के तहत प्रदेश का हिस्सा जो कि 8 लाख 66 हजार रुपए है वापस कर पुरानी पेंशन योजना का लाभ लेने की सिफारिश की थी. जिसके बाद अब कामिनी डोगरा को ट्रेजरी के तहत अगले महीने से पुरानी पेंशन मिलना शुरू हो जाएगी.
वहीं ओपीएस में शामिल कर पुरानी पेंशन बहाल करने पर कामिनी डोगरा ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू सहित प्रदेश सरकार व एनपीएस कर्मचारी संघ के नेताओं का आभार जताते हुए सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू को पेंशन पुरुष करार देते हुए सरकारी कर्मचारी का अधिकार व सम्मान वापिस करने की बात कही है.