Kangra Loksabha Seat: कांगड़ा लोकसभा सीट पर आज बीजेपी काबिज है. यहां बीते कई बार से बीजेपी की जीत होती आ रही है जबकि एक समय ऐसा था जब यह संसदीय क्षेत्र कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. यहां जानें क्या है इस सीट का समीकरण.
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Kangra Loksabha Seat: हिमाचल प्रदेश में एक जून को चार लोकसभा सीट पर मतदान होना है. इस सीट पर कांग्रेस और बीजेपी का सीधा मुकाबला देखने को मिलेगा. प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट पर बीते नौ बार के चुनाव में से सात बार बीजेपी की जीत हुई है जबकि इससे पहले लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा था. इस सीट को कांग्रेस का गढ़ कहा जाता था.
यह रहा बीते दो साल का परिणाम
बीते लोकसभा चुनाव यानी 2019 में कांगड़ा सीट पर बीजेपी से किशन कपूर ने जीत हासिल की थी. उन्हें इस चुनाव में 725218 वोट प्राप्त हुए थे, वहीं
कांग्रेस उम्मीदवार पवन काजल को इन चुनाव में 247595 वोट मिले थे. वहीं, साल 2014 में बीजेपी प्रत्याशी शांता कुमार को 456163 वोट मिले थे जबकि कांग्रेस के चंदर कुमार को 286091 वोट मिले थे.
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क्या है इस क्षेत्र का जनजातीय समीकरण
बता दें, प्रदेश की कांगड़ा लोकसभा सीट के अंतर्गत कांगड़ा, धर्मशाला, नूरपुर, शाहपुर, चुराह, ज्वाली, बैजनाथ, डलहौजी, पालमपुर, फतेहपुर और नगरोटा विधानसभा सीट आती हैं. इस संसदीय क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या ज्यादा है. इनके अलावा सामान्य वोटर्स की संख्या 25 फीसदी है. वहीं, 27 फीसदी वोटर्स ओबीसी वर्ग, 30 फीसदी मतदाता एसटी वर्ग और 18 फीसदी मतदाता एससी वर्ग के हैं.
नगरकोट के नाम से जाना जाता था कांगड़ा
बता दें, इस संसदीय क्षेत्र को पहले 'नगरकोट' के नाम से जाना जाता था. कहा जाता है कि महाभारत युद्ध के बाद राजा सुसर्माचंद ने कांगड़ा क्षेत्र को बसाया था. पर्यटन के लिहाज से भी कांगड़ा काफी महत्वपूर्ण है. यह घूमने के लिए कई पर्यटक स्थल हैं. यहां बृजेश्वरी देवी मंदिर बहुत मान्यता है जहां दूर-दूर से भक्त माथा टेकते आते हैं.
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