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MahaKumbh 2025: जानें कब होगा महाकुंभ का शाही और सामान्य स्नान? सही तिथियां जानें...

महाकुंभ का मुख्य आकर्षण पवित्र नदियों में स्नान करना होता है, जिसे मोक्षदायी और पापों का नाश करने वाला माना जाता है।   

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महाकुंभ के दौरान शाही स्नान और सामान्य स्नान की परंपरा रही है. हालांकि हर स्नान शाही नहीं होता, बल्कि कुछ विशेष दिन ही शाही स्नान के लिए निर्धारित होते हैं. आइए विस्तार से जानते हैं कि शाही और सामान्य स्नान में क्या अंतर है और इनकी तिथियां क्या होती हैं.

 

शाही स्नान क्या होता है?

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शाही स्नान क्या होता है?

शाही स्नान महाकुंभ का सबसे पवित्र और महत्वपूर्ण स्नान माना जाता है. इसे राजयोग स्नान या मुख्य स्नान भी कहा जाता है. इस स्नान के दिन अखाड़ों के संत, महंत, नागा साधु और विभिन्न संप्रदायों के प्रमुख व्यक्ति बड़े जुलूस और अनुशासन के साथ पवित्र नदी में स्नान करते हैं. यह स्नान विशेष धार्मिक अनुष्ठानों, मंत्रोच्चार और पारंपरिक विधियों के साथ संपन्न होता है.

 

सामान्य स्नान क्या होता है?

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सामान्य स्नान क्या होता है?

सामान्य स्नान के दिन आम श्रद्धालुओं के लिए नदी में स्नान का अवसर होता है. इन तिथियों पर विशेष धार्मिक अनुष्ठान नहीं होते, लेकिन आस्था और श्रद्धा का माहौल उतना ही पवित्र और आध्यात्मिक होता है. लोग अपने पापों के प्रायश्चित और मोक्ष की कामना से गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करते हैं.

 

शाही स्नान का आध्यात्मिक महत्व

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शाही स्नान का आध्यात्मिक महत्व

शाही स्नान को आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का मार्ग माना जाता है. ऐसा कहा जाता है कि इन तिथियों पर पवित्र नदियों में अमृत की बूंदें गिरती हैं, जिससे स्नान करने वाले को जीवन में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त होती है.

 

महाकुंभ 2025 के शाही स्नान की संभावित तिथियां

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महाकुंभ 2025 के शाही स्नान की संभावित तिथियां

पहला शाही स्नान: मकर संक्रांति (14 जनवरी 2025)

दूसरा शाही स्नान: मौनी अमावस्या (29 जनवरी 2025)

तीसरा शाही स्नान: बसंत पंचमी (3 फरवरी 2025)

चौथा शाही स्नान: माघ पूर्णिमा (12 फरवरी 2025)

पांचवां शाही स्नान: महाशिवरात्रि (26 फरवरी 2025)

सामान्य स्नान तिथियां

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सामान्य स्नान तिथियां

पौष पूर्णिमा (13 जनवरी 2025)

एकादशी (20 जनवरी 2025)

माघ एकादशी (7 फरवरी 2025)