Hamirpur News: हमीरपुर जिला की ग्राम पंचायत भरनाग का गांव गसोता, बलौंगनी और धलोट के ग्रामीण आज एकत्रित होकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे. उनके यहां पहुंचने का कारण हमीरपुर जिला की ग्राम पंचायत को नगर निगम में शामिल न करने की मांग थी.
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अरविंदर सिंह/हमीरपुर: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिला की ग्राम पंचायत भरनाग का गांव गसोता, बलौंगनी व धलोट के ग्रामीणों का एक प्रतिनिधिमंडल नगर निगम में शामिल न करने की मांग का लेकर उपायुक्त से मिला. बड़ी संख्या में दोनों पंचायतों के लोग एकत्रित होकर उपायुक्त कार्यालय पहुंचे. ग्रामीणों का कहना है कि नगर निगम में शामिल करने से लोगों पर टैक्स का अतिरिक्त बोझ पड़ेगा. गांवों में गरीब परिवार रहे हैं. ऐसे में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ेगा. दोनों पंचायत के प्रतिनिधिमंडल ने मांग पत्र उपायुक्त हमीरपुर को सौंपा.
ग्रामीणों ने बताया कि 23 नवंबर 2024 को शहरी विकास विभाग ने अधिसूचना जारी की थी, जिससे स्पष्ट हो रहा है कि धलोट पंचायत के अंतर्गत आने वाले गांवों को नगर निगम हमीरपुर में शामिल किया जा रहा है और क्षेत्रवासी नगर निगम हमीरपुर में शामिल नहीं होना चाहते हैं लोगों का कहना है कि पंचायती राज संस्थाओं में लोगों की सहभागिता ज्यादा रहती है वे प्रत्यक्ष रूप से पंचायतों के साथ जुड़े हुए हैं. पंचायत के सभी विकास कार्यों में ग्रामीणों की सहभागिता होती है. शहरीकरण से ठेकेदारी प्रथा शुरू हो जाएगी.
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ग्राम पंचायत भरनाग के पूर्व उप प्रधान राकेश कुमार ने बताया कि बलौंगनी गांव को नगर निगम में शमिल किया जा रहा है. ग्रामीण नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते. गांव में गरीब परिवार रहते हैं और नगर निगम में शामिल होने से इनके ऊपर टैक्स का बोझ पड़ेगा. लोग मनरेगा में दिहाड़ी लगाकर, पशुपालन से जीवन यापन करते हैं.
ग्राम पंचायत गसोता की प्रधान सुमन पठानिया ने बताया कि पंचायत के गांवों को नगर निगम में शामिल किया जा रहा है. ग्रामीण नगर निगम में शामिल नहीं होना चाहते हैं. गांवों में गरीब परिवार रहते हैं. ऐसे में नगर निगम में शामिल होने से इनके ऊपर टैक्स का बोझ पड़ेगा. लोग मनरेगा में दिहाड़ी मजदूरी करके और पशुपालन से जीवन यापन करते हैं.
वहीं, दबरेली पंचायत के प्रधान राजेश की अगुवाई में आए ग्रामीण संजीव कुमार ने बताया कि प्रदेश सरकार द्वारा गांव को नगर निगम में शामिल करने का प्रस्ताव दिया गया है, जिसका सभी लोग विरोध करते हैं. उन्होंने कहा कि उनका गांव सभी ओर से जंगल से गिरा हुआ है. ग्रामीण नगर निगम के टैक्स को भर पाने में असमर्थ हैं, इसलिए आज उन्होंने अपनी आपत्ति उपायुक्त के समक्ष दर्ज करवाई है.
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