प्रेगनेंसी के दौरान महिला में काफी हॉर्मोनल बदलाव आते हैं. इस वजह से काफी ज्यादा मूड स्विंग होते हैं. जिसके लक्षणों में चिड़चिड़ापन, जिद, उदासी आदि शामिल हो सकते हैं. ये एक नैचुरल प्रोसेस है, ऐसे समय में पति की जिम्मेदारी होती है कि वो पत्नी को बड़े ही प्यार से हैंडल करें.
प्रेगनेंसी के दौरान औरतों को पौष्टिक आहार की जरूरत होती है. ऐसे में आपको खाने-पीने हर समय ध्यान रखना चाहिए. इसके साथ ही डॉक्टर की बताई दवाओं को भी समय पर लेने की जरूरत होती है. ऐसे में पति की ड्यूटी बन जाती है कि वो पत्नी के खाने-पीने के साथ-साथ दवाई का ध्यान रखें.
प्रेगनेंसी के दौरान बीबी के आराम का पूरा ख्याल रखें. सुबह-शाम अपनी फाइव के साथ वॉक करें. इससे बीबी को ना सिर्फ शारीरिक रूप से फायदा मिलेगा बल्कि मानसिक स्तर पर भी अच्छा लगेगा.
वहीं, प्रेगनेंसी के आखिरी महीने में पति को हमेशा अलर्ट मोड में रहना चाहिए. कभी भी इमरजेंसी आ सकती है. ऐसे में आपको हमेशा अपने फाइव के साथ होना चाहिए.
इसके अलावा आप अपनी फाइव की शरीर जैसे हाथ, पैर, पीठ को दबाना चाहिए. क्योंकि इसमें दर्द भी होता है. ऐसे में थोड़ी मालिश से महिलाओं को राहत मिलती है.
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