Himachal Pradesh News: एक बुक के अनुसार, हिमाचल प्रदेश में 100 में से 30 प्रतिशत सांप ही जहरीले होते हैं. यहां हर साल सांपों के डंसने के करीब पांच हजार मामले सामने आते हैं, जिनमें से ज्यादातर की मौत हो जाती है.
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Himachal Pradesh News: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में एक किताब जारी की है, जिसमें बताया गया है कि राज्य में पाई जाने वाली सांप की कुल प्रजातियों में से केवल 30 प्रतिशत सांप ही जहरीले हैं. राज्य में हर साल सांप काटने के अनुमानित 5,000 मामले सामने आते हैं, जिसके परिणामस्वरूप 100 लोगों की मौत हो जाती है.
क्या कहती है स्नेक्स ऑफ हिमाचल प्रदेश बुक?
राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान के प्रिंसिपल डॉ. ओमेश कुमार भारती और डॉ. डी. डी. बिष्ट ने स्नेक्स ऑफ हिमाचल प्रदेश नामक पुस्तक का संकलन और संपादन किया है, जो पहाड़ी राज्य में पाए जाने वाले सांपों की विभिन्न श्रेणियों के बारे में जानकारी देती है.
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सबसे खतरनाक हैं ये सांप
हिमाचल प्रदेश में सांपों की चार ऐसी प्रजातियां पाई जाती हैं जो अगर एक बार भी इंसान को डस लें तो उस व्यक्ति की जान ही चली जाए. इनमें सेंट्रल एशियन कोबरा, ग्रीन पिट वाइपर, कोरल और कोबरा का नाम शामिल है. ये ऐसे सांप हैं जो एक बार इंसान को डस लें तो उसकी जान ही चली जाए.
इनके काटने पर बचाव के लिए अभी तक कोई एंटी वेनम इंजेक्शन भी उपलब्ध नहीं हो पाता है.
किंग कोबरा का घर है सिरमौर जिला
प्रदेश में पाए जाने वाले सांपों में सबसे ज्यादा जहरीला सांप सेंट्रल एशिया कोबरा और कोरल को माना गया है. हालांकि सीएम सुक्खू द्वारा लॉन्च की गई बुक के अनुसार, 70 फीसदी सांप जहरीले नहीं होते हैं जबकि तीस फीसदी सांप जहरीले होते हैं. इसके अलावा, यह भी पता चला है कि सिरमौर जिला दुनिया के सबसे लंबे जहरीले सांप किंग कोबरा का भी घर है.
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हिमाचल प्रदेश में सांप काटने के ज्यादातर मामले राज्य के निचले और मध्य भाग से सामने आते हैं, जिनमें कांगड़ा, हमीरपुर, सिरमौर, चंबा, बिसालपुर, ऊना और मंडी जिला शामिल हैं. इन जगहों से सबसे ज्यादा सांप के काटने की घटनाएं सामने आती हैं.
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