Sanjauli Mosque Dispute: संजौली मस्जिद विवाद पर शनिवार को फैसला आया है. ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की याचिका खारिज हो गई है. पढ़ें पूरी खबर..
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Shimla Masjid Vivad: शिमला संजौली मस्जिद विवाद पर शनिवार को बड़ा फैसला आया है. संजौली मस्जिद विवाद मामले पर ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन की याचिका खारिज हो गई है. संजौली मस्जिद में अवैध निर्माण गिराने के नगर निगम आयुक्त के फैसले को जिला अदालत ने बरकरार रखा है.
बता दे, अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रवीण गर्ग की अदालत ने शनिवार को एमसी आयुक्त के आदेश को चुनौती देने वाली अपील को खारिज कर दिया. पांवटा साहिब के रहने वाले अपीलकर्ता नजाकत अली हाशमी ने एमसी आयुक्त के फैसले के खिलाफ 29 अक्तूबर को जिला अदालत में अपील दायर की थी. आरोप लगाया है कि मोहम्मद लतीफ की ओर से नगर निगम आयुक्त को जो हलफनामा दायर किया है, वह गैर कानूनी है.
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शिमला जिला अदालत ने शनिवार को ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन द्वारा दायर उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें नगर आयुक्त अदालत द्वारा पांच अक्टूबर को संजौली मस्जिद की ‘अवैध’ रूप से निर्मित तीन मंजिलों को ध्वस्त करने के दिये आदेश को चुनौती दी गई थी.
ऑल हिमाचल मुस्लिम ऑर्गेनाइजेशन (एएचएमओ) के वकील विश्व भूषण ने यहां संवाददाताओं को बताया कि उनका आवेदन खारिज कर दिया गया है और विस्तृत आदेश की प्रतीक्षा है. मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को गिराने की मांग को लेकर 11 सितंबर को हिंसक विरोध प्रदर्शन हुआ था जिसमें कई हिंदू संगठनों और स्थानीय लोगों ने हिस्सा लिया था.
विरोध प्रदर्शन के एक दिन बाद संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष होने का दावा करने वाले लतीफ मोहम्मद और अन्य ने मस्जिद की तीन अनधिकृत मंजिलों को ध्वस्त करने की पेशकश की और नगर आयुक्त से अनुमति मांगी. नगर आयुक्त की अदालत ने पांच अक्टूबर को अनधिकृत रूप से निर्मित तीन मंजिलों को गिराने की अनुमति दी थी और इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए दो महीने का समय दिया था.
इसके बाद एएचएमओ ने जिला अदालत में आदेश के खिलाफ अपील दायर की और दावा किया कि लतीफ को मस्जिद के ढांचे को गिराने की पेशकश करने के लिए अधिकृत नहीं किया गया था. वहीं, हिमाचल प्रदेश वक्फ बोर्ड ने 22 नवंबर को जिला अदालत में 2006 का एक दस्तावेज पेश किया जिसमें लतीफ मोहम्मद को संजौली मस्जिद कमेटी का अध्यक्ष नामित किया गया था.
लतीफ भी अपने इस दावे पर कायम रहे कि वह 2006 से संजौली मस्जिद समिति के अध्यक्ष हैं और नगर आयुक्त की अदालत ने भी सितंबर में अध्यक्ष की हैसियत से उन्हें नोटिस दिया था. इस बीच, लतीफ ने कहा, हमने आयुक्त अदालत में अपील की है कि मजदूरों की कमी के कारण शेष मंजिलों को गिराने का काम मार्च तक शुरू नहीं हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि अधिकांश मजदूर अपने मूल स्थानों पर चले गए हैं और ध्वस्तीकरण का काम सर्दियों के दौरान मौसम की स्थिति पर भी निर्भर करता है. लतीफ ने कहा, हालांकि, अदालत जो भी निर्णय लेगी, हम उसे स्वीकार करेंगे. इससे पहले छत को हटाने के साथ ही ध्वस्तीकरण का काम शुरू हो गया था.
जानें क्या है ये पूरा विवाद?
मीडिया रिपोर्टस के अनुसार, शिमला के संजौली में बनी मस्जिद को साल 2010 में अवैध बताते हुए इसके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. हालांकि, बीते 14 सालों में मस्जिद पर चार नई मंजिलें बना दी गईं. वहीं, इसको लेकर पिछले महीने कुछ लोगों ने दावा किया कि उनकी जमीन पर मस्जिद का विस्तार किया जा रहा है और इसे लेकर दो समुदायों के बीच विवाद खड़ा हो गया, जो धीरे-धीरे करके इतना बढ़ गया कि यह मस्जिद चर्चे में आ गई.
रिपोर्ट- भाषा