Eye flu myth busters: इस इंफेक्शन से जुड़ी कुछ अफवाहों को लेकर ज़ी मीडिया ने डॉ. सुमन शर्मा, सहायक प्रोफेसर, नेत्र विभाग, एमएमयू सदुपुर, अंबाला, से बातचीत की और समझने कि कोशिश की कि क्या सही है और क्या गलत?
Eye Flu Myth Busters: पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ समेत उत्तर भारत में कंजक्टिवाइटिस या आई फ्लू के मामले बहुत तेज़ी से बढ़ रहे हैं और उतनी ही तेज़ी से इस इंफेक्शन को लेकर कुछ अफवाहें भी फ़ैल रही हैं. इसलिए इस इंफेक्शन से जुड़ी कुछ अफवाहों को लेकर ज़ी मीडिया ने डॉ. सुमन शर्मा, सहायक प्रोफेसर, नेत्र विभाग, एमएमयू सदुपुर, अंबाला, से बातचीत की और समझने कि कोशिश की कि क्या सही है और क्या गलत?
डॉ. सुमन शर्मा ने जवाब दिया नहीं! उन्होंने कहा कि यह इंफेक्शन देखने से नहीं फैलता, यह सिर्फ छूने से ही फैलता है. इसलिए, इससे बचाव के लिए मरीज को हाथ धोते रहना चाहिए और अपना तकिया, चादरें और तौलिये अलग-अलग रखने चाहिए.
नहीं, यह केवल बच्चों को नहीं होता ब्लकि यह सभी उम्र के लोगों को हो सकता है. यह बहुत तेज़ी से फैलने वाला इंफेक्शन है. जैसे अगर किसी मरीज ने किसी सतह को छुआ है और कोई उसे छूता है, तो यह उन्हें संक्रमित कर सकता है. इसके लिए आप 50 प्रतिशत एल्कोहल वाले सेनिटाइजर से हाथ धोएं ताकि सभी कीटाणु मर जाएं.
नहीं, यह गलत है. इसका वैसे तो सबसे पहला उपचार है एहतियात लेकिन अगर उससे भी ठीक नहीं होता तो लुब्रिकेटिंग ड्रॉप्स उपचार के लिए इस्तेमाल किये जाते हैं. अन्यथा, हम ठंडे पानी से आंखें धोने की सलाह देते हैं. इस बीमारी को तीन स्थितियों — हल्का, मध्यम और गंभीर — के हिसाब से जांचा जाता है और उसी के अनुसार इलाज करते हैं.
हां! वास्तव में, यह भी एहितयात के तौर पर सुझाव दिया जाता है. इसलिए, इससे संक्रमित होने की संभावना कम हो जाती है लेकिन ऐसा नहीं है कि इससे इंफेक्शन होगा ही नहीं. इन दिनों में लोगों को अपने चेहरे को हाथों से नहीं छूना चाहिए।
नहीं! कंजक्टिवाइटिस एक वायरल बीमारी है और इसीलिए इसे आई फ्लू कहा जाता है. यदि आंख का रंग पीला हो रहा हो तो इसे बैक्टीरियल कंजक्टिवाइटिस भी कहा जाता है जिसके लिए इलाज के तौर पर एंटीबायोटिक्स दिए जाते हैं.
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