इंसानियत शर्मसार! इस जगह मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए नसीब नहीं होती मुट्ठी भर लकड़ियां
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इंसानियत शर्मसार! इस जगह मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए नसीब नहीं होती मुट्ठी भर लकड़ियां

इंसान की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार सही तरीके से हो जाए तो उस व्यक्ति को हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है.

इंसानियत शर्मसार! इस जगह मरने के बाद अंतिम संस्कार के लिए नसीब नहीं होती मुट्ठी भर लकड़ियां

राकेश भयाना/पानीपतइंसान की मौत के बाद उसका अंतिम संस्कार सही तरीके से हो जाए तो उस व्यक्ति को हमेशा के लिए मुक्ति मिल जाती है. लेकिन, जब मृत व्यक्ति के अंतिम संस्कार के लिए मुट्ठी भर लकड़ी भी न मिले व निगम उनका अंतिम संस्कार करने से मना कर दे तो ऐसे इंसानों को मुक्ति कौन देगा.

रोहतक नगर निगम का ऐसा ही एक शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जहां, लावारिस शवों को रोहतक निगम मुट्ठी भर लकड़ी के लिए पैसे भी नहीं दे रहा है. पुलिस ने मजबूरी वंश पानीपत से जन सेवा दल के पदाधिकारियों को रोहतक से शवों को ले जाकर पानीपत में अंतिम संस्कार करने के लिए बुलाया.

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रोहतक PGI में ऐसे ही लावारिस शव एक नहीं, दो नहीं, 8 ऐसे शवों के अंतिम संस्कार के लिए बुलाया गया. जन सेवा दल के पदाधिकारियों ने सभी शवों का मंत्रोच्चारण से संस्कार कर उन्हें मुक्ति प्रदान करने की पहल की. इस कड़ी में पहले 2 शवों का अंतिम संस्कार किया.

जन सेवा दल के प्रधान चमन गुलाटी ने बताया कि पानीपत की एक अज्ञात महिला जो गंभीर हालत में रोहतक रेफर की गई थी. रोहतक PGI में उसकी मौत हो गई, जिसके बाद पुलिस लगातार निगम के चक्कर काट रही थी. लेकिन, निगम ने उसका अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया.

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उन्होंने बताया कि निगम ने शिवपुरी को पैसा नहीं दिया था, जिससे शवो का अंतिम संस्कार नहीं हो पा रहा है. एक मानवता होने के नाते एक मृत व्यक्ति का संस्कार बहुत जरूरी होता है. तब उन्होंने हमें सूचित किया और हम वहां से दो शव को लाकर उनका संस्कार किया है.

उन्होंने बताया कि वहां केवल एक ऐसा मामला नहीं था. वहां जींद बहादुरगढ़, झज्जर, फरीदाबाद व गुरुग्राम के भी शव रखे है, जिन्हें निगम ने उनके अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है. चमन ने कहा कि रोहतक निगम का एक शर्मसार करने वाले का मामला है.

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उन्होंने बताया कि यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले कोरोना काल के दौरान भी एक अंतिम संस्कार के 12 हजार लिए गए थे. वहां अभी 8 शव रखे है. पुलिस कर्मचारी निगम के बार-बार चक्कर लगाने के बाद भी उनके अंतिम संस्कार नहीं कर पा रहा है. वही जन सेवा दल के सदस्य कपिल मल्होत्रा ने बताया कि पानीपत की महिला की रोहतक PGI में मौत हो गई थी.

जींद से पुलिस कर्मचारी राकेश ने बताया कि बार-बार निगम के चक्कर काटने के बाद भी निगम उनका अंतिम संस्कार नहीं कर रहा है. इसलिए हमने खुद पानीपत से जन सेवा दल को इन शवों के अंतिम संस्कार के लिए बुलाया है.

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